COVID-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश में एस्मा लागू, CM शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कही यह बात
भोपाल। देशभर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा ) लागू कर दिया गया है। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा एस्मा लगाए जाने के बाद अब प्रदेश में अति आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी-अधिकारी किसी भी सूरत में हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे।
एम्सा के दौरान वे ऐसा करने पर संसद द्वारा 1968 में पारित आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के उल्लंघन का दोषी माने जाएंगे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आठ अप्रैल को ट्वीट करके कहा है कि नागरिकों के हित को देखते हुए #COVID19outbreak के बेहतर प्रबंधन के लिए आज से सरकार ने मध्यप्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) जिसे ESMA या हिंदी में 'अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून' कहा जाता है, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
Essential Services Management Act has been implemented with immediate effect to better manage #CoronavirusPandemic in Madhya Pradesh: Chief Minister Shivraj Singh Chouhan (File photo) pic.twitter.com/gVcMyWSOR7
— ANI (@ANI) April 8, 2020
क्या है एस्मा कानून
जानकारी के अनुसार वर्ष 1968 में संसद ने अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून पारित किया था, जिसका मकसद आपात स्थिति में हड़ताल को रोकना है। एम्सा लागू किए जाने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। यह कानून अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है। एम्सा लागू होने के बाद यदि कोई कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है। कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी बिना किसी वारंद के अरेस्ट किया जा सकता है।