हौसलों की उड़ान ! आंखों से देख नहीं पाती हैं प्रिया, बावजूद फुटबॉल में अच्छे-अच्छों के छुड़ा देती है छक्के
उमरिया, 5 जुलाई: प्रिया छाबड़ा नेत्रहीन होकर भी मध्यप्रदेश ब्लाइंड फुटबॉल टीम में बतौर कप्तान की भूमिका निभा रही हैं और मेहनत के साथ खेल का प्रदर्शन कर रही है। इसके अलावा वह इंदौर कॉलेज से एमए की पढ़ाई भी कर रही है। इनके प्रयासों की सराहना पूरा देश कर रहा है। इससे अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिल रही है।

मेहनत करने वालों को सफलत अवश्य मिलती है
मध्य प्रदेश ब्लाइंड फुटबाल टीम की कप्तान प्रिया छाबड़ा ने वनइंडिया हिंदी से बात करते हुए बताया कि कोई भी कार्य आसान नहीं होता है लेकिन अगर पूरे विश्वास दृढ़ संकल्प के साथ किया जाए तो सफलता अवश्य मिल जाती है। स्वयं पर विश्वास हो तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है। प्रिया उमरिया जिले के पाली की मूलत: निवासी है। जो कि इस समय इंदौर शहर में रहकर एमए की पढ़ाई के साथ ही मध्य प्रदेश ब्लाइंड फुटबाल टीम का नेतृत्व कर रही हैं।

कोच संदीप मंडल ने फुटबाल खेलने के लिए प्रेरित
प्रिया छाबड़ा ने बताया कि मध्य प्रदेश ब्लाइंड फुटबाल टीम के कोच संदीप मंडल ने फुटबाल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया तो बड़ा अजीब लग रहा था। कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह कैसे संभव हो पाएगा। जैसे-जैसे कोच संदीप मंडल व अन्य सहयोगियों ने प्रशिक्षण देना शुरू किया, लगातार प्रशिक्षण से तो धीरे-धीरे जुडऩे लगे और बाहर खेलने का
मौका भी मिलने लगा।

मेहनत के दम पर मिली सफलता
प्रिया छाबड़ा का कहना है कि मेहनत लगाना और विश्वास के भरोसे हमारी मध्य प्रदेश की टीम महराष्ट्र के पूना में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता तक पहुंचने में कामयाब हुई है। इसके पहले कोची में कैंप में भी पार्टिसिपेट किए थे। वहां से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। हमारी टीम का उद्देश है कि बेहतर खेल का प्रदर्शन कर आगे अपने मध्य प्रदेश का नाम रोशन करें। मध्य प्रदेश के और भी जो बच्चे हैं वह भी अपनी योग्यता को पहचान कर स्वयं पर विश्वास रख कार तैयारी करें उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी।

साउंड बाल व कोच के निर्देश पर निर्भर है खेल
वर्ष 2022 फरवरी से इंदौर में फुटबाल का प्रशिक्षण शुरू करने वाली प्रिया छाबड़ा ने बताया कि मैदान में साउंड बाल और पीछे से कोच के माध्यम से मिलने वाले निर्देश पर फोकस करना पड़ता है। कुछ ही सेकेण्ड में यह तय होता है कि फुटबाल कहां है और किस तरफ हिट करना है। सांउड बाल से आने वाली आवाज व कोच के आवाज से ध्यान हटा तो खेलना मुश्किल हो जाता है।

प्रिया छाबड़ा है नेत्रहीन
नेत्रहीन होकर भी मध्य प्रदेश ब्लाइंड फुटबॉल टीम की कप्तान हैं और विश्वास के साथ खेल का प्रदर्शन कर रही है। इसके अलावा वह कॉलेज की पढ़ाई भी ग्रहण कर रही है। इनके प्रयासों की सराहना पूरा देश कर रहा है। इससे अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिल रही है।

आठवीं तक शहडोल से पड़ी
प्रिया मूल रूप से उमरिया के पाली तहसील की रहने वाली हैं। उन्होंने कक्षा 8वीं तक की पढ़ाई शहडोल से की है और वर्तमान में इन्दौर शहर में एमए की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। वह पढ़ाई के साथ-साथ मध्यप्रदेश ब्लाइंड फुटबॉल टीम की कप्तानी भी कर रही है।

बेस्ट एगेस विमेंस का अवार्ड से सम्मानित
पिछले माह महाराष्ट्र राज्य के पूना में 24 से 27 मई तक आयोजित हुए प्रतियोगिता में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। जिस पर उन्हें बेस्ट एगेस विमेंस का अवार्ड से नवाजा गया था। मध्यप्रदेश टीम के कोच संदीप मंडल जो ब्लाइंड दिव्यांग बच्चों को शिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वहीं रईस अहमद खान, व्यायाम निर्देशक, एनआईएस फुटबॉल कोचों का भी मार्गदर्शन सहयोग मिला।