बेटे ने कोरोना पॉजिटिव पिता के दाह संस्कार से किया इनकार, तहसीलदार ने चिता को दी मुखाग्नि
भोपाल। कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। कोरोना पॉजिटिव एक शख्स की मौत के बाद उसके परिजनों ने शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया। ऐसे में एक अफसर आगे आए और उन्होंने चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान मृतक के बेटा समेत अन्य परिजन दूर खड़े होकर अंतिम संस्कार देखते रहे।
शुजालपुर का रहने वाला था मृतक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के शुजालपुर निवासी एक शख्स को लकवा मार गया था। परिजनों ने उन्हें भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। 14 अप्रैल को इनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद इन्हें भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार के लिए अधिकृत चिरायु अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां यह शख्स 20 अप्रैल को कोरोना से जंग हार गया।
परिजन पहुंचे अस्पताल
चिरायु अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद शव मुर्दाघर में रखवाकर उसके परिजनों को इसकी सूचना दी। बेटी, साला और पत्नी उसकी मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें शव शुजालपुर ले जाने की इजाजत नहीं दी और निमयों को हवाला बताते हुए भोपाल में ही पूरी सावधानी के साथ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत अंतिम संस्कार करने को कहा।
शव लेने से इनकार, नहीं पहनी पीपीई किट
जिला प्रशासन की ओर से परिजनों को पीपीई किट उपलब्ध करवाई ताकि वे इसे पहनकर शव का अंतिम संस्कार कर सके, मगर परिजन घबरा गए और उन्होंने शव लेने से ही इनकार कर दिया। ना ही पीपीई किट पहनी। प्रशासन ने उनसे खूब समझाइश की, मगर उनका डर दूर नहीं हुआ। शव लेने की बजाय उन्होंने प्रशासन को ही अपनी ओर से अंतिम संस्कार करने के लिए अधिकृत कर दिया।
दाह संस्कार के लिए तहसीलदार आए आगे
इसके बाद प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव मरीज के शव का अंतिम संस्कार की तैयारी की। उस समय उनके परिजन वहीं पर मौजूद थे, मगर बेटा पिता की चिता को मुखाग्नि देने को भी तैयार नहीं हुआ। ऐसे में तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल आगे आए और उन्होंने चिता को मुखाग्नि दी।
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