सामाजिक पहल के बाद प्रोजेरिया से पीड़ित गुंजन का अमेरिका में होगा इलाज
भोपाल के शाहजहानाबाद क्षेत्र में एक 8 साल की बच्ची प्रोजेरिया बीमारी से पीड़ित है। उसके इलाज के लिए अमेरिका की एक संस्था प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन ने मदद की पेशकश की है। इसके बाद उसका ब्लड सैंपल अमेरिका भेजा गया है
भोपाल,12 मई। राजधानी में एक बच्ची प्रोजेरिया जैसी घातक बीमारी से जंग लड़ रही है। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कुछ साल पहले पा मूवी में प्रोजेरिया बीमारी से पीड़ित एक बच्चे 'औरों' का किरदार निभाया था। भोपाल के शाहजहानाबाद इलाके में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां 8 साल की बच्ची प्रोजेरिया बीमारी की वजह से बुजुर्ग की तरह दिखती है। बच्ची का नाम गुंजन शाक्य है। गुंजन का सिर दिखने में बड़ा है। उसके पूरे बाल झड़ चुके हैं और त्वचा भी ढीली पड़ चुकी है। सोशल एक्टिविस्ट के माध्यम से अमेरिका की एक संस्था ने गुंजन के इलाज के लिए मदद की पेशकश की है।
अमेरिका की प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन संस्था
अमेरिका की प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन संस्था ने गुंजन के पिता को लेटर लिखा था और गुंजन के ब्लड सैंपल भेजने के लिए कहा है। जिसकी जांच के बाद उसके इलाज की व्यवस्था होगी। गुंजन के इलाज की मदद कर रहे सोशल एक्टिविस्ट जीशान हनीफ ने बताया कि संस्था ने सैंपल ट्रांसपोर्टेशन के लिए फंड भी दिया है और ब्लड सैंपल की जांच होने के बाद इलाज करने का भरोसा भी दिलाया है।
गुंजन एक दिन के लिए बन चुकी हैं डॉक्टर
गुंजन पढ़ने में होशियार है। उसने वन इंडिया को बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है। अभी कुछ समय पहले उसने यह बात सोशल एक्टिविस्ट व डॉ जीशान हनीफ को बताई थी। जिसके बाद उसके सपने को पूरा करने के लिए जीशान द्वारा उसे एक प्राइवेट अस्पताल में 1 दिन का डॉक्टर भी बनाया गया था। भोपाल में मोती मस्जिद के पीछे चेक हॉस्पिटल में गुंजन डॉक्टर बनकर पहुंची, तो उसके स्वागत में सभी ने तालियां बजाई और फूलों की वर्षा कर उसका स्वागत भी किया था।
गुंजन का परिवार आर्थिक रूप से परेशान
गुंजन के पिता गोपाल शाक्य मजदूरी करते हैं और कड़ी मेहनत करने के बाद परिवार का भरण पोषण करते हैं। उन्होंने वन इंडिया को बताया कि पहली क्लास में पढ़ रही गुंजन पढ़ने में बहुत तेज है। वह आम बच्चों से बड़ी दिखती है। वह डॉक्टर बनना चाहती है। उन्होंने बताया कि हमारे पास दो वक्त के खाने की व्यवस्था जैसे तैसे हो पाती है। यदि सरकार मदद करें तो गुंजन का सपना साकार हो सकता है। आर्थिक रूप से परेशान होने के कारण उन्हें गुंजन के इलाज में भी काफी परेशानियां सामना करना पड़ा था, लेकिन सोशल एक्टिविस्ट जीशान हनीफ की मदद के बाद उनको थोड़ा आराम मिला।
मां को है गुंजन के ठीक होने की आस
गुंजन के इलाज के लिए अमेरिका से मदद की पेशकश आने के बाद गुंजन की मां की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी बहुत होशियार है और पढ़ने में बहुत तेज है। मेरी इच्छा है कि मेरी बेटी दूसरे बच्चों की तरह पढ़ाई लिखाई कर अपना जीवन जिए।
क्या है प्रोजेरिया बीमारी
डॉक्टर जीशान हनीफ ने बताया कि ब्रिजो रियाल सिंड्रोम दुर्लभ और जानलेवा है। इससे बेंजामिन बटन के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया में हर दो करोड़ लोगों में एक को ये बीमारी होती है। प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक दुनिया भर में इस बीमारी से साडे 300 से 400 बच्चे पीड़ित हैं।
डॉक्टर जीशान हनीफ ने बताया कि एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्चों में ये बीमारी लैमिन-ए-जीन में गड़बड़ी के कारण होती है। इस बीमारी के संकेत पहले से नहीं मिलते, ये अचानक हो जाती है लेकिन 2 साल तक की उम्र में बच्चों में लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
क्या है लक्षण
- बच्चों की लंबाई और वजन का कम होना
- शरीर का कमजोर होना
- सिर के बाल झड़ जाना
- सिर का आकार बढ़ जाना
- किसी बुजुर्ग व्यक्ति की तरह त्वचा का ढीला होना
- होंठ पतले होना
प्रोजेरिया कितना खतरनाक
बच्चों की उम्र 2 साल होने तक बीमारी का पता तो चल जाता है लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जल्दी यह बीमारी मौत की ओर ले जाती है। बीमारी से पीड़ित की करीब 20 या 21 साल की उम्र में ही मौत हो जाती है। हालांकि ट्रीटमेंट होने के बाद पीड़ित की उम्र बढ़ भी जाती है।
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