मध्यप्रदेश : बैंक ने काटे 59 रुपए तो हेड कांस्टेबल ने करवा दी पुलिसकर्मियों के 50 हजार खातों की जांच
Bhopal News, भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने तनख्वाह में से हो रही कथित अनुचित कटौती के खिलाफ ऐसा बिगुल बजाया कि पूरे पुलिस महकमे में न केवल इसी के चर्चे हो रहे हैं बल्कि 50 हजार पुलिसकर्मियों के बैंक खाते तक खंगाले जा रहे हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश पुलिस के इस कांस्टेबल के बैंक खाते में तनख्वाह डाली गई तो उसमें कथित रूप से बैंक ने लेनदेन शुल्क के नाम पर 59 रुपए की मासिक कटौती कर रखी थी।
बैंकिंग लोकपाल से शिकायत
पहली बार में तो हैड कांस्टेबल ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, मगर अगले महीने की तनख्वाह में से भी कटौती हुई तो हैड कांस्टेबल ने राज्य सरकार के वेतन पैकेज (एसजीएसपी) योजना के तहत छूट के बावजूद लेनदेन शुल्क के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक द्वारा कटौती किए जाने की बैंकिंग लोकपाल से शिकायत की। इसके बाद बैंक को उक्त कांस्टेबल के खाते में 59 रुपए वापस जमा करने पड़े। इस पर हैड कांस्टेबल को लगा कि अगर उसके खाते से 59 रुपए अनुचित तरीके से काटे गए हैं तो प्रदेश के अन्य 50 हजार रुपए पुलिसकर्मियों के साथ भी ऐसा हुआ होगा। उन्हें भी 59 रुपए वापस मिलने चाहिए।
कटौती की जांच शुरू
कांस्टेबल ने इस पूरे मामले से पुलिस मुख्यालय को भी अवगत करवाया। इस पर एआईजी पुलिस कल्याण ने पुलिस की सभी इकाइयों को पत्र जारी कर कटौती के बारे में जानकारी दी। साथ यह सलाह भी कि अगर किसी पुलिसकर्मी के खाते से ऐसी अनुचित कटौती हो रही है तो इकाई का संबंधित अधिकारी तुरंत इस बारे में बैंक शाखा प्रबंधक को बताए। ऐसे में मध्यप्रदेश पुलिस के करीब 50 हजार पुलिसकर्मियों के बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं।
पीएम को भी लिखा पत्र
तनख्वाह में से की गई 59 रुपए की कटौती राशि वापस लेने और पूरे महकमे में जांच शुरू करवाने के बाद हेड कांस्टेबल यहीं पर नहीं रुका। उसने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर इस मामले से अवगत करवाया। उसने मध्यप्रदेश पुलिस के इस केस का उदाहरण देते हुए लिखा है कि मध्यप्रदेश पुलिस की तनख्वाह की तरह देशभर के सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में से अगर यह कटौती की जा रही है तो राशि करोड़ों रुपए में हो सकती है।