12 साल की तनिष्का ने बोर्ड के एतराज के बावजूद दी 10वीं की परीक्षा, पास कर ली फर्स्ट डिवीजन
madhya pradesh news in hindi, भोपाल। मध्य प्रदेश में इंदौर के एक प्राईवेट स्कूल की 6वीं पास बालिका ने 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन पास की है। कुल 500 में से 327 मार्क्स के साथ उत्तीर्ण हुई ये बालिका है 12 साल की तनिष्का। उसे 10वीं पास कराने के लिए उसके पिता सुजीत चंद्रन और मां अनुभा को डेढ़ साल से ज्यादा इंतजार करना पड़ा था। दरअसल, विगत शिक्षा सत्र में 10वीं की परीक्षा में बैठने की मंजूरी के आवेदन के बावजूद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कोई नियम न होने की वजह से तनिष्का को 10वीं की परीक्षा नहीं देने दी थी।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जताए गए एतराज के खिलाफ तनिष्का के माता-पिता ने राज्यपाल से गुहार लगाई थी। जिसके बाद तनिष्का का आईक्यू टेस्ट हुआ और सालभर बाद मंजूरी मिली। मगर, उसके सामने मुश्किल अब भी थी, क्योंकि जब तक तनिष्का का 10वीं की परीक्षा के लिए आवेदन करने का रास्ता साफ हुआ, तब तक फॉर्म भरने की तारीख निकल चुकी थी। लेकिन तनिष्का की जिद के चलते उसे 10वीं की परीक्षा में बैठने का अवसर मिल ही गया।
तनिष्का ने परीक्षाएं दीं और अब जबकि, बीते बुधवार को बोर्ड का परिणाम जारी हुआ तो तनिष्का ने 500 में से 327 मार्क्स हासिल किए और फर्स्ट डिवीजन में पास हुई। माता-पिता ने बताया कि उनकी बच्ची ने सामाजिक विज्ञान में 79 मार्क्स हासिल किए हैं। वहीं, इंग्लिश में 71, हिन्दी में 60, संस्कृत में 61, गणित में 56 और विज्ञान में 39 मार्क्स मिले हैं। उसने हाईस्कूल की परीक्षा के लिए इसी सत्र में प्राईवेट फॉर्म भरा था। उसकी डेट आॅफ बर्थ 20 जुलाई 2007 है।
पिता का कहना है कि तनिष्का 10 साल की उम्र में ही दसवीं पास कर लेती, मगर शिक्षा मंडल की अड़चन की वजह से तब परीक्षा नहीं दे सकी। हमने राज्यपाल की मंजूरी ली, तब रास्ता साफ हुआ। बच्ची की कामयाबी पर पूरा परिवार खुश है।'