लोकसभा में सोमवार को पेश होगा नागरिक संशोधन विधेयक, जानिए क्या है ये बिल और क्यों हो रहा है इसका विरोध
नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार (9 दिसंबर) को नागरिक संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। इस विधेयक को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है लेकिन विपक्ष की ओर से इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है। विपक्ष इसे असंवैधानिक बता रहा है। हालांकि केंद्र सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है और सदन में पेशी के दौरान तमाम सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। बता दें कि इस विधेयक में दूसरे देशों से भारत आए विभिन्न धर्म के लोगों के भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
क्या है इस बिल में खास
भारत के पूर्वोत्तर में इस नागरिकता संशोधन विधेयक का व्यापक रूप से विरोध होता रहा है जिसका उद्देश्य पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश से गैर-मुसलमान अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में ढील देने का प्रावधान है। दरअसल सदन में इसे पारित करवाने का यह सरकार का दूसरा प्रयास है। इससे पहले भी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इसी वर्ष 8 जनवरी को यह लोकसभा में पारित हो चुका है।
नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध क्यों?
वैसे तो नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे देश में लागू किया जाना है लेकिन इसका विरोध पूर्वोत्तर राज्यों, असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में हो रहा है क्योंकि ये राज्य बांग्लादेश की सीमा के बेहद क़रीब हैं। इन राज्यों में इसका विरोध इस बात को लेकर हो रहा है कि यहां कथित तौर पर पड़ोसी राज्य बांग्लादेश से मुसलमान और हिंदू दोनों ही बड़ी संख्या में अवैध तरीक़े से आ कर बस जा रहे हैं। विरोध इस बात का है कि वर्तमान सरकार हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की फिराक में प्रवासी हिंदुओं के लिए भारत की नागरिकता लेकर यहां बसना आसान बनाना चाहती है।