रेलवे की ई-टिकटों का अवैध कारोबारी बस्ती का हामिद अशरफ गिरफ्तार, सरेंडर करने के लिए दुबई से आया था
बस्ती। टेरर फंडिंग के आरोपी हामिद अशरफ को बस्ती पुलिस और आरपीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी बेंगलुरु से की गई है। बता दें कि बेंगलुरु से पुलिस हामिद को ट्रांजिट रिमांड पर मंगलवार की सुबह बस्ती लेकर लाई है। हामिद बस्ती और गोंडा में कई मामलों में वांछित चल रहा था। जिसकी तलाश पुलिस और आरपीएफ दोनों को काफी इसकी लंबे समय से थी। हामिद अशरफ के गिरफ्तार होने और बस्ती लाने की पुष्टि पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने की।
हामिद अशरफ, अनधिकृत रेल टिकट सॉफ्टवेयर से ई-टिकट का अवैध कारोबार कर अकूत संपत्ति अर्जित की है। साथ वो टेरर फंडिंग का आरोपी भी है। हामिद बस्ती जिले के कप्तानगंज का रहने वाला है। 2016 में उसका नाम चर्चाओं में उस वक्त आया था, जब सीबीआई बेंगलुरु ने ई-टिकट के अवैध कारोबार के सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया था। हालांकि, हामिद जमानत पर जेल छूट गया और नेपाल, दुबई और बेंगलुरु से ठिकाने बदल बदल कर रेल टिकट के अवैध सॉफ्टवेयर का कारोबार संचालित कर रहा था।
पुलिस
ने
इस
गिरोह
की
कमर
तोड़ने
को
चलाया
था
अभियान
पुलिस
ने
ई-टिकट
का
अवैध
कारोबार
की
कमर
तोड़ने
के
लिए
अभियान
चलाया
था।
आरपीएफ
और
बस्ती
पुलिस
ने
ताबड़तोड़
कार्रवाई
करते
हुए
उसके
करीबी
रहे
सलमान
और
शमशेर
के
साथ
ही
मेन
कैशियर
मनोज
महतो
सहित
दर्जनों
लोगों
को
देश
के
विभिन्न
राज्यों
से
गिरफ्तार
कर
लिया।
हाल
ही
में
कप्तानगंज
स्थित
उसके
घर
पर
छापामारी
की
गई।
जहां
से
पुलिस
को
करोड़ों
रुपए
की
संपत्ति
से
संबंधित
दस्तावेज
और
15
बैंक
खाते
पकड़े
थे।
यह
सभी
खाते
फ्रीज
किए
जा
चुके
हैं।
इन
खातों
में
तीस
लाख
से
अधिक
नकदी
है।
पुलिस
ने
हामिद
के
वालिद
जमीरुल
हसन
सहित
कई
को
गिरफ्तार
किया
था।
सरेंडर
करने
दुबई
से
आया
था
बेंगलुरु
पहुंचा
था
हामिद
खबरों
के
मुताबिक,
हामिद
बीती
17
फरवरी
को
दुबई
से
बेंगलुरु
आया
था।
उसे
यहां
सीबीआई
के
सामने
सरेंडर
करना
था।
लेकिन
उससे
पहले
बस्ती
पुलिस
और
आरपीएफ
की
संयुक्त
टीम
ने
उसे
धर
दबोचा।
गिरफ्तारी
के
बाद
उसे
बेंगलुरु
में
ही
रेलवे
कोर्ट
में
पेश
किया
गया।
बस्ती
पुलिस
ने
कोर्ट
के
सामने
उसकी
ट्रांजिट
रिमांड
मांगी।
जिसके
बाद
हामिद
को
आज
यानी
मंगलवार
की
सुबह
बस्ती
लाया
गया
है।
बता
दें
कि
हामिद
पुलिस
से
बचने
के
लिए
पिछले
डेढ़
साल
से
दुबई
में
ही
रह
रहा
था।
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