बरेलीः ड्यूटी के दौरान नहीं मिलती थी छुट्टी, पत्नी के साथ समय बिताने के लिए दो दारोगा ने मांगी रिटायरमेंट
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां दो दारोगाओं ने अनोखी दलील देकर रिटारमेंट की मांग की है। दोनों दारोगा ने दलील दी है कि उनके बच्चे बाहर नौकरी कर रहे हैं और ऐसे में पत्नी पूरे दिन घर में अकेली रहती है। उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं। ड्यूटी में छुट्टी भी नहीं मिलती है। इसलिए उन्हेंन रिटायरमेंट चाहिए। डीआईजी ने दोनों दारोगा को समझाने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं मानें तो उन्हें रिटायरमेंट दे दिया गया।
पत्नी को नहीं दे पा रहे थे समय तो ले ली रिटायरमेंट
बरेली जोन के दो अलग-अलग जिलों में तैनात दारोगाओं ने डीआईजी राजेश पांडेय से मुलाकात कर रिटायरमेंट की अर्जी दी। अमरोहा जिले के डिडौली थाने के सलामतपुर गांव के रहने वाले दारोगा जयपाल सिंह साल 1980 में सिपाही के तौर पर भर्ती हुये थे। उनके घर में पत्नी और तीन बेटे हैं। सभी बच्चे बाहर रहते हैं। ऐसे में पत्नी की देखरेख करने वाला कोई भी मौजूद नहीं है। जयपाल सिंह ने कहा कि छुट्टी नहीं मिल पा रही है। इसलिए वो अपनी इच्छा से रिटायरमेंट ले रहे हैं।
पत्नी अस्पताल में थी भर्ती तो भी नहीं मिली छुट्टी
वहीं दूसरी तरफ शाहजहांपुर में गढ़िया रंगीन के रहने वाले दारोगा नरेश भटनागर की पत्नी पुष्पा प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं। उनकी बेटी गाजियाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा रही है। बेटा एमटेक कर रहा है। दारोगा नरेश ने बताया कि उनकी पत्नी एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रही। पत्नी के बीमार होने पर मेडिकल लीव भी नहीं मिल सकती है। इसलिए नौकरी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
दोनों दारोगा को दिया गया रिटारयमेंट
मामले में बरेली रेंज के डीआईजी राजेश पांडेय ने कहा कि दोनों दारोगाओं को समझाने का प्रयास किया गया। इस पर उन्हें पुनर्विचार करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। दोनों दारोगा अपनी पत्नियों के साथ आए थे। जब वह नहीं मानें तो दोनों को समय से पहले रिटायरमेंट दे दिया गया।