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लॉकडाउन में बिगड़ी बीमार पिता की तबीयत, दवा लेने 160 Km साइकिल चलाकर पहुंचा बेटा

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बरेली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं अस्पताल की दिक्कत तो कहीं दवाई खत्म होने की परेशानी। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के बरेली में सामने आया है। एक बेटा अपने बीमार बुजुर्ग पिता की परेशानी बढ़ते हुए देख न सका और 160 किलोमीटर साइकिल चलाकर उनके लिए दवा लेने पहुंचा। जब यह बात दवा विक्रेता को पता चली तो उन्होंने भी मानवीयता दिखाते हुए उसकी मदद के तौर पर उसे एक महीने की दवा आधे दामों पर उपलब्ध कराई।

बरेली से चल रहा था पिता का इलाज

बरेली से चल रहा था पिता का इलाज


हरदोई की तहसील शाहबाद के मैगलगंज क्षेत्र के गांव रसूलपुर निवासी राजेश कुमार ने बताया कि उसके पिता स्वामी दयाल की उम्र 60 साल है। करीब 20 साल से उनका इलाज बरेली के मानसिक अस्पताल में चल रहा है। राजेश कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पहले उसके पिता की दवा खत्म हो गई थी। तबीयत बिगड़ने पर उसने हरदोई से लेकर सीतापुर तक के चक्कर काटे, लेकिन कहीं दवा नहीं मिली।

साइकिल से निकल पड़ा हरदोई से बरेली

साइकिल से निकल पड़ा हरदोई से बरेली

डॉक्टर ने बताया कि ये दवा सिर्फ बरेली में ही मिल सकती है। इसके बाद वह शनिवार सुबह हाईवे पर वाहन का इंतजार करने लगा, जिससे वह बरेली जा सके। लेकिन शाम तक कोई वाहन नहीं मिला। इसके बाद वह रविवार सुबह साइकिल से ही बरेली के लिए निकल पड़ा और सोमवार सुबह तक पहुंच गया। राजेश ने बताया कि वह रविवार सुबह हरदोई से साइकिल से बरेली के लिए निकला था और सोमवार सुबह करीब 9 बजे वह बरेली पहुंच गया।

दवा विक्रेता ने आधे दाम पर दी दवाई

दवा विक्रेता ने आधे दाम पर दी दवाई

रमेश ने श्यामगंज के मेडिकल स्टोर से दवाई ली। दवा विक्रेता दुर्गेश खटवानी ने बताया कि रमेश एक महीने की दवाई लेने आया था। उसके पास पैसे भी पूरे थे, लेकिन वह इतनी दूर से चलकर आया था कि उन्होंने भी उसकी मदद के तौर पर उसे एक महीने की दवा आधे दामों पर उपलब्ध करा दी। इसके अलावा उसके कुछ खाने का भी प्रबंध किया, जिससे उसे रास्ते में परेशानी ना हो।

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English summary
son traveled 160 km on bicycle to get sick father medicine during lockdown
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