Ayodhya Verdict: हिंदू-मुस्लिम ने एक-दूसरे को भेंट किया गुलाब का फूल, अयोध्या फैसले का किया स्वागत
बरेली। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज (शनिवार) अयोध्या भूमि विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। फैसला सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हिंदू-मुस्लिम ने एकता की मिशाल पेश की है। अयोध्या फैसले को लेकर हिंदू-मुस्लिमों ने एक-दूसरे के गले मिल कर मिठाई खिला कर मुंह मिठा कराया और गुलाब का फूल दिया। वहीं, रामपुर जिले में एक मुस्लिम युवक ने इस फैसले का स्वागत बड़े ही अनोखे ढंग से किया है। फरहत अली नाम के शख्स से अपने खून से 'कोर्ट के फैसले का स्वागत' लिखा।
एक-दूसरे को भेंट किया गुलाब का फूल
तंजीम उलेमा इस्लाम के राष्ट्रीय सचिव मौलाना तौकीर रजा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले में ना किसी की हार और ना जीत हुई है। वह कोर्ट के फैसले की तारीफ करते है। वही आईएमसी के प्रवक्ता डॉक्टर नफीस ने कोर्ट के फैसले की तारीफ की और फैसले को दोनों पक्षों के हक का बताया। इस दौरान बरेली में हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे के गले मिल कर मिठाई खिला कर मुंह मिठा कराया और गुलाब का फूल दिया।
खून से लिखा स्वागत
रामपुर के फरहत अली खान ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत अनोखे अंदाज में किया। फरहत अली ने अयोध्या के फैसले पर खुशी जताते हुए अपने खून से लिखा 'कोर्ट के फैसले का स्वागत'। फरहत अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। फरहत अली खान ने इस कदम के बारे में कहा कि मैंने पूरे हिंदुस्तान को ये यकीन दिलाने की कोशिश की है कि आखिर में प्यार जीता है, हिंदुस्तान जीता है, सोहार्द जीता है। अमन के हक में फैसला आया है। उन्होंने आगे कहा कि हम कोर्ट के फैसले का दिल से स्वागत करते हैं। हिंदुस्तान के ज़र्रे जर्रे में रहमान और रहीम बसते हैं और हम कोर्ट के इस फैसले को सिर आंखों पर रखते हैं।
मीनार पर लगाया सफेद झंडे
वहीं, इटावा में बड़ी मस्जिद से अमन का पैगाम दिया गया। मस्जिद की मीनार पर बड़े-बड़े सफेद झंडे लगाए गए और मस्जिद के मुतवल्ली ने कोर्ट का फैसला स्वीकार करने और शांति बनाए रखने की अपील की। फैसला आने से पहले अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और कानपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि जरूरत होने पर प्रदेश भर में इंटरनेट बंद किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह ही डॉयल-100 मुख्यालय पहुंच गए थे।