बरेली 'लव जिहाद' मामले में आरोपी के पिता का पुलिस पर बड़ा आरोप, कहा- FIR के लिए महिला के परिवार पर डाला दबाव
बरेली। 'लव जिहाद के आरोप सिर्फ दुखद नहीं बल्कि 'डरावने' हैं। महिला के परिवार के सदस्य अच्छे लोग हैं और हमारा उनसे कोई विवाद नहीं है। मुझे पता है कि उन्होंने मेरे बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। महिला के पिता ने मुझसे मुलाकात की और कहा कि वह मामले में मेरा समर्थन करेंगे। प्रशंसा और पदोन्नति पाने के लिए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।' ये बातें बरेली में रहने वाले 70 वर्षीय मोहम्मद रफीक ने कहीं, जिनके बेटे ओवैस अहमद को नए धर्मांतरण कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। अहमद के परिजनों का दावा है कि महिला के रिश्तेदारों ने पुलिस के दबाव में एफआईआर दर्ज करवाई है।
कानून बनने के 12 घंटे के अंदर केस दर्ज
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर कानून आने के 12 घंटे के अंदर बरेली जिले में शादी के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का पहला मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में 21 वर्षीय आरोपी युवक अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब इस कार्रवाई को लेकर पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। आरोपी युवक के पिता मोहम्मद रफीक का आरोप है कि पुलिस ने तारीफ पाने और पदोन्नति के लिए एफआईआर दर्ज की है। महिला के परिजनों ने पुलिस के दबाव में एफआईआर दर्ज करवाई है। अहमद को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस पर आरोपी के पिता की पिटाई का आरोप
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, ग्राम प्रधान सहित कई गांव के तमाम लोग इस एफआईआर से हैरान हैं। ग्राम प्रधान ध्रुवराज ने कहा कि इस मामले को दोनों परिवारों के बीच अप्रैल में ही ये मामला सुलझा गया था। ओवैस अहमद के पिता मोहम्मद रफीक ने बताया कि उनके 10 बच्चों में सबसे छोटे अहमद की तलाश में पुलिस ने उनकी पिटाई की थी।
पीड़िता परिवार ने पुलिस पर लगे आरोपों से किया इनकार
आरोपी अहमद के घर से 100 मीटर से कम की दूरी पर रहने वाली पीड़ित महिला के परिवार ने खुद को घर के अंदर बंद कर लिया है और आरोपी के परिवार से किसी भी तरह के संपर्क में नहीं है। पीड़ित परिवार ने इस बात से भी इनकार किया है कि पुलिस ने मामला दर्ज करने के लिए दबाव डाला था। बरेली (रेंज) डीआईजी राजेश पांडे ने कहा कि यह एक संयोग था। अगर पहले शिकायत मिली होती तो पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली गई होती। कुछ संभावना हो सकती है कि शिकायत 27 नवंबर को आई हो और जब तक मामला दर्ज किया गया, तब तक कानून पारित हो चुका था।
पिछले साल अक्टूबर में अहमद के साथ गई थी महिला
पुलिस का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में महिला अहमद के साथ भाग गई थी। अहमद द्वारा महिला की पिटाई के बाद परिवालों ने उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया था। पुलिस का कहना है कि पिछले साल जब महिला को खोजकर गांव वापस लाया गया था तो महिला ने अहमद के खिलाफ उसके परिवार द्वारा अपहरण के आरोपों से इनकार कर दिया था। महिला ने कहा था कि वह उससे शादी करना चाहती थी। उस समय महिला की उम्र 17 साल थी। मामले के हल होने के बाद मामले में दायर अंतिम रिपोर्ट में कहा गया कि अहमद के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं पाए गए।
स्कूल के समय से एक-दूसरे को जानते थे दोनों
महिला और अहमद के बीच स्कूल के समय से संबंध शुरू हो गए थे। अहमद 12वीं कक्षा तक पढ़ा और अब बरेली में नौकरी करता था। 28 नवंबर को देवरनिया थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, महिला के पिता ने आरोप लगाया कि अहमद उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बना रहा था। अहमद के खिलाफ आईपीसी धारा 504, 506 के अलावा नए अध्यादेश के तहत केस दर्ज किया गया था।