बाढ़ की स्थिति देखने गांव पहुंचे ADM और SDM, किसान ने उनके सामने लगा दी घाघरा नदी में छलांग
बाराबंकी। घाघरा नदी की बाढ़ से पीड़ित सिरौलीगौसपुर तहसील के टेपरा गांव के निवासी एक किसान ने एडीएम और एसडीएम के सामने नदी में कूद गया। उसके कूदने से वहां मौजूद अधिकारियों के पसीने छूट गए और मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में अधिकारी उस किसान को बाहर निकालने की कोशिश करने लगे और काफी मशक्कत के बाद वह बाहर निकला।
गांव में कई परिवार हुए बेघर
घाघरा नदी की बाढ़ ने हर साल की तरह इस बार भी तटवर्ती गांवों में तबाही मचा रखी है। घाघरा नदी में ड्रिलिंग काम के चलते नदी का रुख इस बार टेपरा गांव की ओर हो गया है। गांव में किसानों की खेती लायक जमीन के बाद अब आबादी की जमीन भी कटना शुरू हो चुकी है। गांव के कई परिवार बेघर हो चुके हैं और स्थायी रूप से सुरक्षित स्थान पर आवास बनाने के लिए जमीन की मांग कर रहे हैं। इसी गांव में कटान की स्थिति देखने एडीएम संदीप कुमार गुप्ता और एसडीएम सिरौलीगौसपुर अशोक कुमार टेपरा गांव पहुंचे थे।
परेशान किसान ने लगा दी नदी में छलांग
अधिकारियों के सामने ही उसी समय गांव के किसान राजेंद्र ने कहा कि उसकी खेती लायक सारी जमीन नदी में कट गई है। घर भी कटने की कगार पर है इसलिए घर उजाड़कर उसका मलबा तटबंध पर रखा है। एक झोपड़ी तटबंध पर बनाई थी, दूसरी झोपड़ी बनाने पर कर्मचारी ने मना कर दिया। राहत के नाम पर उसे केवल एक त्रिपाल मिली है। ऐसे में सारा सामान बारिश से भीग रहा है। इसलिए किसी दूसरे गांव में आवास के लिए स्थायी जमीन की मांग की। एसडीएम ने बाढ़ के बाद आवासीय जमीन का पट्टा देने की बात कही। यह बात गुरु प्रसाद को नागवार लगी और उसने घाघरा नदी में छलांग लगा दी। उसके छलांग लगाते ही एडीएम व एसडीएम के माथे पर पसीना आ गया। गांववाले भी परेशान हो गए। कुछ देर बाद गुरु प्रसाद तैरकर किनारे आया और नदी में ही खड़े होकर अपनी जमीन देने की शर्त पर बाहर निकलने की बात कही। एडीएम ने एसडीएम से बात कर पड़ोस के गांव सनावा में सुरक्षित स्थान पर टेपरा के सभी 25 परिवारों को आवासीय जमीन का पट्टा देने का आश्वासन दिया।
अधिकारी बोले-जरूर करेंगे मदद
वहीं इस मामले पर बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि टेपरा गांव के जिन परिवारों के घर नदी में कटे हैं उन्हें सनावां गांव में आवासीय जमीन का पट्टा देने की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगता है। इसी बात को लेकर किसान ने नदी में छलांग लगा दी थी। प्रशासन उसकी पूरी मदद करेगा। अब वह किसान गुरु प्रसाद सुरक्षित है।
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