बाराबंकी: बैंक लोन से परेशान होकर किसान ने की आत्महत्या
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कर्ज के बोझ से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर ली। किसान के पास कर्जे को लेकर आए दिन नोटिस आती थी जिससे वह तंग आ चुका था। मृतक किसान के परिजनों का कहना है कि वह बीते काफी दिनों से परेशान था। उसे लग रहा था कि वह कर्ज वापस नहीं कर पाएगा और उसका खेत, घर सब चला जाएगा।

कर्ज से परेशान होकर लगाई फांसी
मामला बाराबंकी जिले की फतेहपुर तहसील के एक गांव का है। यहां के गांव पैगुवा के निवासी वीरेंद्र कुमार ने कर्ज से परेशान होकर फांसी लगा ली। किसान पर बैंक का करीब सात-आठ लाख रुपए का कर्जा था और वह बैंक के नोटिसों से परेशान था। इस लोन को जमा करने के लिए बीते दिनों उसे फिर नोटिस दिया गया था, जिसके चलते वह काफी तनाव में था और इसी तनाव के बीच उसने यह कदम उठाया है। आत्महत्या किए जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंची और पंचनामा कार्रवाई कर पोस्टमार्टम कराया।

बड़ी बेटी की शादी की थी चिंता
वहीं, मृतक किसान के भाई श्याम कुमार ने बताया कि वह बैंक के कर्ज से काफी परेशान रहता था। बीते दिनों उसे बैंक का नोटिस मिला था, जिसके चलते उसने आत्म हत्या कर ली। मृतक किसान के तीन बच्चे हैं, जिसमें से बड़ी लड़की शादी करने लायक है। उसे लग रहा था कि कर्ज के चक्कर में उसका घर और जमीन सब चला जाएगा। गांव के ग्राम प्रधान रामहेतु ने बताया कि किसान के पास लगभग तीन लाख से ऊपर का कर्ज था जो उसके पिता जी ने लिया था। अब बैंक की तरफ से उसे परेशान किया जा रहा था, बैंक के अलावा समूह का भी कर्ज उसके सिर पर था। न चुका पाने की दशा में उसने जान दे दी।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?
सहकारिता बैंक के प्रबंधक मनोज कुमार निगम ने बताया कि किसान के ऊपर चार लाख से ऊपर का कर्ज था जो उसके पिता के द्वारा लिया गया था। बैंक की तरफ से उसे किसी तरह से परेशान नहीं किया जा रहा था। कुछ महीने पहले एक नोटिस उसके परिवार के नाम जरूर दी गई थी, लेकिन बैंक का कोई भी कर्मचारी या अधिकारी उसके घर नहीं गया था। बैंक की ओर से उसे किसी भी तरह कोई परेशान नहीं किया जा रहा था।
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