BKU अध्यक्ष नरेश टिकैत ने बताई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दाढ़ी बढ़ाने की वजह, जानिए क्या कहा?
बाराबंकी। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पिछले काफी समय से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए है। तो वहीं, उनके बड़े भाई और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत घूम-घूमकर महापंचायत कर रहे हैं। बुधवार को नरेश टिकैत बाराबंकी जिले में हुई किसान महापंचायत में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान नरेश टिकैत ने बार-बार सरकार की तरफ से यह कहा जाना कि कानून में काला क्या है? वाले बयान पर कहा कि इसमें सब कुछ काला है सफेद कुछ भी नहीं है।
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बंगाल
चुनाव
के
लिए
बढ़ाई
थी
दाढ़ी
नरेश
टिकैत
यही
नहीं
रूके,
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
ने
मुसलमानों
को
अलग
कर
दिया,
सिक्खों
को
अलग
कर
दिया
और
अब
किसानों
को
अलग
कर
दिया
है।
इस
सरकार
ने
सब
कुछ
बरबाद
कर
दिया।
इस
दौरान
नरेश
टिकैत
ने
प्रधानमंत्री
की
बढ़ी
हुई
दाढ़ी
का
पहली
बार
राज
खोलते
कहा
कि
उनकी
दाढ़ी
बंगाल
चुनाव
के
लिए
बढ़ी
है।
क्योंकि
उन्हें
गुरु
रवीन्द्रनाथ
टैगोर
जैसे
चेहरे
वाली
छवि
को
इस
चुनाव
में
भुनाना
है।
बंगाल
चुनाव
के
बाद
उनकी
दाढ़ी
पहले
जैसी
ही
हो
जाएगी।
ये
बाते
उन्होंने
बाराबंकी
के
हैदरगढ़
रोड
पर
स्थित
हरख
चौराहे
पर
किसानों
की
विशाल
महापंचायत
को
आयोजित
करते
हुए
कहीं।
राजनाथ
सिंह
को
बताया
पिंजरे
का
तोता
नरेश
टिकैत
ने
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
के
बारे
में
बात
करते
हुए
कहा
कि
सरकार
ने
उन्हें
पिंजरे
का
तोता
बना
दिया
है।
उन्होंने
कहा,
'अगर
सरकार
राजनाथ
सिंह
को
बात
करने
की
आजादी
दे,
तो
हमारी
गारंटी
है
कि
फैसला
हो
जाएगा,
लेकिन
यह
सरकार
जिद्दी
है,
सरकार
को
किसानों
की
बात
सुननी
चाहिए
और
अपना
रवैया
बदलना
चाहिए।'
किसान
राजनाथ
सिंह
का
सम्मान
करते
हैं,
लेकिन
केंद्र
सरकार
की
तरफ
से
राजनाथ
सिंह
को
मौका
नहीं
दिया
जा
रहा
है।
पूर्वांचल
के
किसानों
को
करेंगे
जागरुक:
नरेश
टिकैत
नरेश
टिकैत
ने
कहा
कि
हर
जिले
में
हमारी
महापंचायत
होगी,
जिसमें
किसानों
को
बताया
जाएगा
कि
ये
तीन
कानून
किस
तरह
से
आने
वाले
दिनों
में
हमें
अपना
गुलाम
बना
लेंगे।
उन्होंने
कहा
कि
पूर्वांचल
का
रास्ता
बाराबंकी
से
खुलता
है।
ये
पूर्वांचल
की
सफलता
का
द्वार
है,
इसलिए
इसे
खोलना
बहुत
जरूरी
है।
यहां
का
किसान
अपने
अधिकारों
के
प्रति
जागरुक
होगा
तभी
वह
पूर्वांचल
के
किसानों
को
तीनों
काले
कानूनों
के
खिलाफ
जागरुक
करने
में
सफल
होगा।
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