अपने शोध से गोल्ड पाकर बाराबंकी की शान बनी छात्रा मानसी चौहान, झोपड़ी में रहकर नाम कमाया
बाराबंकी. उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के मसौली ब्लॉक के बड़ागांव में रहने वाली गरीब परिवार की बेटी ने बेहद कम उम्र में पिता का नाम रोशन कर दिया। 6वीं की छात्रा मानसी चौहान ने अपने शोध से बाल विज्ञान कांग्रेस की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता। उसका घर एक झोपड़ी है, लेकिन उसकी मेहनत ने तो मानो परिजनों को महल दिखा दिया हो। मानसी ने पहले जिला, मण्डल और फिर प्रदेश स्तर पर अपने शोध का प्रदर्शन किया। अब राष्ट्रीय स्तर कान्वेंट स्कूल के बच्चों के आगे अपने ज्ञान का लोहा मनवाया है।
संवाददाता के अनुसार, मानसी ने केरल के तिरुअनन्तपुरम में आयोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। अब लोग उसे लिटिल साइंटिस्ट कह रहे हैं। उसके पिता स्वामी दयाल सफेद कपड़ों में इस्तेमाल होने वाली नील को गांव-गली बेचकर गुजारा करते हैं। उनके चार बेटा और एक बेटी हैं।
मानसी ने हर्बल औषधियों का डेंगू समेत संक्रामक रोगों की रोकथाम में प्रयोग विषय पर शोध किया है। बता दें कि, तिरुवनन्तपुरम में हुई इस विज्ञान प्रतियोगिता के लिये प्रदेश से 42 छात्रों का चयन किया गया था। इन चयनित छात्रों में मानसी अकेली ऐसी छात्रा थी जो परिषदीय विद्यालय में पढ़ रही है। उसकी रिसर्च देख केरल में उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के बाल वैज्ञानिक के खिताब वाले मेडल और सर्टिफिकेट देकर उसे सम्मानित किया गया।