मूसलाधार बारिश के बीच नेपाल ने सरयू नदी में छोड़ा पानी, आई बाढ़, दहशत में लोग घरों को छोड़ भागने लगे
बाराबंकी। मानसूनी बारिश से उत्तर प्रदेश-नेपाल के तराई हिस्सों में पानी की मात्रा बढ़ गई है। लगातार बारिश के बीच नेपाल की सरकार ने सरयू नदी में ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया है। जिसके चलते बाढ़ के हालत पैदा हो गए। बाढ़ ने बाराबंकी में दस्तक दे दी है। इसी दहशत में लोग गाँव छोड़कर पलायन करने लगे हैं।
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सरयू नदी से आई बाढ़, बिगड़े हालत
संवाददाता ने बताया कि, बाढ़ से नदी के आस-पास के लगभग 34 गाँव प्रभावित हुए हैं। ऐसे में ग्रामीण गाँव छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर रवाना होते दिखाई दे रहे हैं। बीते रोज सरयू नदी का बहाव 60 सेन्टीमीटर, यानी खतरे के निशान से ऊपर बहते दिखा। नदी का जलस्तर हर घण्टे में करीब 3 सेंटीमीटर बढ़ रहा है।
यह गांव बाढ़ से बहुत प्रभावित हुआ
इससे गांव खेत जलमग्न हुए जा रहे हैं। बाराबंकी के सिरौलीगौस पुर के सनावा गाँव में तो मानो तबाही ही आ गई है। यह गांव बाढ़ से बहुत प्रभावित हुआ है। बाराबंकी से होकर गुजरने वाली सरयू (पूर्व में घाघरा) नदी इस बार समय से पहले ही तन गई।
यह बोले गांववाले
पलायन
करती
एक
बुजुर्ग
महिला
ने
कहा
कि,
''हम
लोग
अपना
अपना
सामान
लेकर
उूंची
जगहों
पर
जा
रहे
हैं।
गांव
में
पानी
भर
गया
है।
सब
सिर
पर
चारपाई
लेकर
घरों
को
छोड़
रहे
हैं।''
एक
अन्य
ग्रामीण
ने
कहा
कि,
'प्रशासन
इंतजाम
में
जुटा
है,
लेकिन
गाँव
में
पानी
आने
के
कारण
हम
बंधे
की
तरफ
जा
रहे
हैं।
जिसे
देखो
इस
सनावा
गाँव
से
निकल
रहा
है।हर
कोई
यहाँ
दहशत
में
है।'
उपजिलाधिकारी ने दिया यह बयान
बाढ़ के बारे में सिरौलीगौस पुर के उपजिलाधिकारी प्रतिपाल सिंह चौहान बोले- ''सनावा गाँव में आबादी सुरक्षित है, लेकिन कृषि क्षेत्र तक पानी जरूर पहुँचा है। इसके अलावा हमारा एक और मजरा है कहारनपुरवा। वहां भी पानी पहुँच गया है।'
काफी लोगों को विद्यालय में शिफ्ट कराया
''वहां के लोगों को पहले ही हमने विद्यालय में शिफ्ट करा दिया था। अब ऊपर बन्धे पर शिफ्ट करा रहे हैं। बाढ़ से निपटने की तयारी के बारे में उपजिलाधिकारी ने बताया कि हमारी कई बाढ़ की चौकियां है, जो काम में लगी हुई हैं।'
200 नावों की व्यवस्था और खाना-पानी दे रहे
उपजिलाधिकारी बोले- ''हमने 200 नावों की भी व्यवस्था कर रखी है, जहाँ जरूरत होती है वहां भेजा जाता है। चौकियों पर बाढ़ से निपटने के लिए हर जरूरी सामान की व्यवस्था कर दी गयी है और वह टीमें एक्टिवेट कर दी गयी हैं। राशन की किट भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा आश्रय स्थल भी बना रहे हैं, जो आबादी प्रभावित होगी उसे आश्रय स्थल पर रखा जायेगा।'