बाराबंकी: 8 बजे तक वाट्सएप ग्रुप में सेल्फी पोस्ट न करने पर कट गई 550 शिक्षकों की सैलरी
बाराबंकी। एक के बाद एक कई कड़े नियम बनाने के बाद भी सरकारी स्कूल में टीचरों की अनुपस्थिति रोकने में नाकाम बेसिक शिक्षा विभाग ने अब समस्या को सुलझाने के लिए टेक्नॉलजी का सहारा लिया है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने अध्यापकों को दिन की शुरुआत करने से पहले कक्षाओं से सेल्फी खींचकर विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का आदेश दिया है। अध्यापकों को सख्त लहजे में निर्देश दिये गए हैं कि समय पर स्कूल पहुंचें और क्लास से सेल्फी लेकर भेजें नहीं तो दिन का वेतन कटवाने के लिए तैयार रहें। इस कदम के बाद से पिछले दो महीने में अब तक करीब 550 शिक्षकों की सैलरी कट चुकी है।
सेल्फी अटेंडेंस मीटर नाम दिया गया
विभाग ने इस प्रक्रिया को सेल्फी अटेंडेंस मीटर का नाम दिया है। इस प्रक्रिया में टीचरों को स्कूल पहुंचकर सबसे पहला काम एक सेल्फी लेकर विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट करना है। इसी से उनकी स्कूल में उपस्थिति दर्ज मानी जाएगी। मौजूदा स्कूल समय के मुताबिक सेल्फी अपलोड करने की समय सीमा सुबह 8 बजे की है। गर्मी की छुट्टियां हर होने से पहले मई में ही बाराबंकी के स्कूलों के यह नया सिस्टम लागू हो गया था।
पोस्ट नहीं करने पर कटेगी सैलरी
विभाग की इस पहल से शिक्षक खुश हैं और उनका कहना है कि इससे विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। हालांकि उनकी एक शिकायत भी है कि अगर यह नियम बेसिक शिक्षा विभाग के साथ ही सारे विभागों पर लागू कर दिया जाए तो और अच्छा होगा। क्योंकि सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग पर यह नियम लागू करने से उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रही है। हालांकि कुछ शिक्षकों ने विभाग की इस प्रक्रिया पर अपना तर्क दिया है कि स्कूल में इंटरनेट की धीमी स्पीड और नेटवर्क की समस्या रहती है, लेकिन अधिकारी इसको नहीं मानते। नेट की स्पीड इतनी धीमी होती है कि सेल्फी पोस्ट ही नहीं हो पाती और हमें पूरे दिन की सैलरी से हाथ धोना पड़ता है।
टीचर पहुंच रहे टाइम पर
बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि सेल्फी मिलने और वेरिफाई करने की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक है और इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के सख्त आदेश के बाद लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को निर्देश दिये गए हैं कि अगर वह 8 बजे तक अपनी सेल्फी पोस्ट नहीं करते, तो उनकी पूरे दिन की सैलरी कटेगी। इसके अलावा स्कूल के समय में सोशल मीडिया साइटों पर सर्फिंग करते हुए पाए गए शिक्षकों को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम ने बताया कि जब इस नियम को लागू किया और अब शिक्षक स्कूल समय से पहुंच रहे हैं और वहां शिक्षा की गुणवत्ता में काफी सुधार हो रहा है।