Karnataka Elections: क्या जिताऊ सीट कोलार से सिद्धारमैया नहीं लड़ेगे चुनाव? जानें हाईकमान ने क्या दी है सलाह?
Karnataka Assembly Elections 2023: सिद्धारमैया कर्नाटक के कोलार क्षेत्र से चुनाव लड़ने की बात कही थी लेकिन क्या आलाकमान इसके लिए तैयार है? जानिए दिल्ली अलाकमान से सिद्धारमैया को क्या सलाह मिली है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 की बिसात बिछ चुकी है, लेकिन राजनीतिक दलों का अभी अपना पासा फेंकना बाकी है। हालांकि चुनाव की तारीखों की घोषणा होने में अभी कुछ समय बचा है परंतु भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस जनता का दिल जीतने के लिए अभी से जुट चुकी है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वो जल्द ही प्रत्याशियों की अपनी लिस्ट जारी कर देगी लेकिन कर्नाटक (Karnataka) में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (congress) नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) के निर्वाचन क्षेत्र को लेकर असमंजस बरकरार है। क्या वो कोलार निर्वाचन सीट से इस बार चुनाव लड़ेगे? आइए जानते हैं कांग्रेस आलाकमान से क्या सलाह मिली हैं?
पहले बता दें सिद्धारमैया ने चुनावी साल 2023 की शुरूआत में ही ऐलान किया था कि वो कोलार सीट से चुनाव लड़ेगे।वो शुरूआत से जिताऊ सीट की अपने लिए तलाश कर रहे थे। वर्तमान समय में सिद्धारमैया बगलकोट जिले की बादामी सीट से विधायक हैं। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को दिल्ली में हुई सीईसी की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सिद्धारमैया को कोलार सीट से हटने सीट से हटने की सलाह दी है कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें कोलार के बजाय वरुणा सीट से चुनाव लड़ने दी है।
राहुल ने सिद्धारमैया के साथ 15 मिनट की अलग बैठक
कांग्रेस आलाकमान ने अपने वयोवृद्ध नेता से कहा है कि कोलार आपके लिए उपयुक्त नहीं है। आप वरुणा से चुनाव लड़ें, आपके समय का एक-एक मिनट पार्टी को चाहिए। राहुल गांधी ने सिद्धारमैया से की थी अलग बैठक शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने सिद्धारमैया के साथ 15 मिनट की अलग बैठक की थी।
क्या सिद्धारमैया ने तजाई है?
इस दौरान कोलार विधानसभा क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई और उन्होंने भाजपा के हथकंडों पर प्रतिक्रिया नहीं देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कोलार विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट आपके अनुकूल नहीं है, आप फिर से चर्चा कर निर्णय लें। एआईसीसी प्रमुख राहुल गांधी ने खुद सिद्धारमैया को नामांकन पत्र दाखिल करने और कहीं और प्रचार करने का निर्देश दिया है। यह भी पता चला है कि सिद्धारमैया ने राहुल गांधी के निर्देश पर सहमति जताई है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सिद्धारमैया ने बोली ये बात
इसके बाद ही मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं उस क्षेत्र में चुनाव लड़ूंगा जो हाईकमान ने मुझे बताया है। शुक्रवार को ही हुई बैठक में मुलाकात ने कहा सिद्धारमैय्या ने कहा मेरा टिकट क्लियर नहीं हुआ और परोक्ष रूप से कहा कि वह यहां कोलार में नहीं रुकेंगे। मैंने अपने मुकाबले का मामला हाईकमान पर छोड़ दिया है, वे जो भी फैसला करेंगे।
सिद्धारमैया क्यों कोलार से लड़ना चाहते हैं चुनाव
कोलार में दलितों, मुस्लिमों और कुरुबा कांग्रेस और जनता दल (एस) के लिए एक सुरक्षित मानी जाती है यहां के वोटरों ने हमेशा कांग्रेस और जेडीएस के उम्मीदवार को जिताया है। सिद्धारमैया को AHINDA अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, और दलित का समर्थन प्राप्त है। सिद्धारमैया समुदाय से भी ताल्लुक रखते हैं, जो कुरुबा कर्नाटक में लिंगायत और वोक्कालिगा के बाद तीसरा सबसे बड़ा जाति समूह है। यानी इस समुदाय की जनसंख्या सबसे अधिक है तो उन्हें लगता है कि वो कोलार उनके लिए सुरक्षित सीट होगी।
क्यों कांग्रेस सिद्धारमैया को नहीं देना चाहती कोलार से टिकट
कोलार भी कांग्रेस के लिए एक सुरक्षित सीट है लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि सिद्धारमैया के लिए कोलार चुनाव जीत पाना आसान नहीं होगा वहां की गुटबाजी उन्हें जीतने नहीं देगी। इसके साथ ही कांग्रेस को पता है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में सिद्धारमैया ने ना ही कभी अधिक समय दिया है और ना ही इस क्षेत्र में अधिक काम किया है।
कोलार क्यों है कांग्रेस के लिए जिताऊ सीट
कोलार जहां मुस्लिम मतदाता और पिछड़े वर्ग यहां प्रमुख निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस के लिए ये सीट इसलिए सुरक्षित मानी जा रही है क्योंकि विधायक के श्रीनिवास गौड़ा को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए जेडीएस ने अपनी निलंबित कर दिया था जो इस सीट से जेडीएस के विधायक थे। गौड़ा कांगेस में शामिल हो चुके है।
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