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हाईटेक बेंगलुरु की सड़क पर क्या खोज रहा है यह आदमी?

By Ajay Mohan
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बेंगलुरु (अजय मोहन)। इस तस्वीर को ध्यान से देख‍िये। एक आदमी स्वेटर पहने है, उसके ऊपर टीशर्ट। झबरे बाल हैं और साफ दिख रहा है कि शायद यह आदमी हफ्तों से नहीं नहाया! बगल में एक प्लास्ट‍िक की बोरी रखी है और पास में मिट्टी पड़ी है। पर देश की हाईटेक सिटी बेंगलुरु की सड़क पर कर क्या रहा है? जेपी नगर में वनइंडिया के श‍िनोद एडक्कड द्वारा खींची गई यह तस्वीर को देखने के बाद कई सारे सवाल मन में आये और उन सवालों के जवाबों में बेंगलुरु से जुड़े कई रहस्य निकलकर सामने आये।

Man in Bangalore

पहला सवाल- यह आदमी है कौन?

जवाब- यह एक गरीब है, और हो सकता है कि गरीबी के चलते वो पागल हो गया हो और जमीन के अंदर कोई खजाना खोज रहा हो!

दूसरा सवाल- क्यों ऐसा कर रहा है?

जवाब- गरीबी के चलते हो सकता है आज उसे खाना नहीं मिला हो। भूख से पागल यह इंसान हो सकता है, जमीन के अंदर से कोई खाने की चीज तलाश रहा हो!

तीसरा सवाल- तो इसे मिट्टी खोदने की क्या जरूरत है?

जवाब- अरे भाई आज विश्व पर्यावरण दिवस है, हो सकता है यह एक पौधा लगाने जा रहा हो। अगर वाकई में ऐसा है, तो एयरकंडीशंड कमरों में बैठकर पर्यावरण दिवस पर लेक्चर देने और सुनने वालों से यह गरीब कहीं ऊपर है, जो पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझता है।

चौथा सवाल- अमीर बनने का तरीका तो नहीं खोज रहा?

जवाब- हां बेंगलुरु में पानी की कमी पड़ती जा रही है और बनरगट्टा रोड और एचएसआर लेआउट में पानी जेपी नगर से ही पहुंचाया जाता है। पानी वॉटर टैंकर के माध्यम से पहुंया जाता है और एक टैंक पानी की कीमत 600 से 1000 रुपए तक होती है। यही कारण है कि बेंगलुरु में कई दबंग अब जल माफिया बन गये हैं। हो सकता है, इस गरीब के मन में भी पैसा कमाने का यह तरीका सूझा हो?

पांचवां सवाल- फुटपाथ है भाई, उसके किनारे इसे क्या मिलेगा?

जवाब- बेंगलुरु भले ही एक पॉश शहर है, लेकिन यहां कई इलाकों में कूड़े के ढेर और उनसे आने वाली बदबू व बीमारियां लोगों को बीमार करने के लिये काफी हैं। हो सकता है यह गरीब फुटपाथ के किनारे पड़े कूड़े को साफ कर रहा हो!

छठा सवाल- नहीं-नहीं लगता है यह सफाई कर रहा है?

जवाब- हां हो सकता है, क्योंकि बेंगलुरु में सड़कें भले ही साफ दिखें, लेकिन कई झीलें ऐसी हैं, जिनमें सीवेज का पानी उड़ेल दिया जाता है, जिस वजह से झीलों में रासायनिक क्रियाएं भी होती हैं। ताज़ा उदाहरण है वर्थुर लेक, जिसमें झाग ऐसी वस्तु लोगों को बर्फबारी जैसी दिख रही थी।

सातवां सवाल- इसकी पीठ पर नोक जैसा क्या निकला हुआ है?

जवाब- मुझे लगता है इसे कोई बीमारी है। वैसे भी यह भारत है, यहां बेंगलुरु हो या शाहजहांपुर गरीब के स्वास्थ्य की किसी को परवाह नहीं। यहां स्वास्थ्य पर जीडीपी का मात्र 4 प्रतिशत ही खर्च किया जाता है।

आठवां सवाल- कहीं यह कुछ छिपा तो नहीं रहा है?

जवाब- ओह!!! आतंकी संगठन आईएसआई की नजर भारत पर है। कहीं ऐसा न हो उसके आतंकी कभी इसी वेश में आकर देश को नुकसान पहुंचा दें। वैसे भी बेंगलुरु तो हमेशा टार्गेट पर रहा है।

English summary
Can you make out what this person, with torn pant dirty sweater, doing in JP Nagar in Bengaluru? He was digging the road side footpath. What was he searching for? Treasure or to plant tree on World Environment Day? Picture of garbage dumping gives another kind of story. Where our Bangalore is heading?
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