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Really Inspiring: बेंगलुरु के ट्रैफिक को मैनेज करता 13 साल का बच्चा

By Ajay Mohan
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बेंगलुरु (अजय मोहन)। आईटी सिटी बेंगलुरु में शाम होते ही लोग जब अपने ऑफिसों से घर की ओर निकलते हैं, तब शहर के कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम हो जाता है। ऐसा ही हाल कुछ साउथ एंड सर्कल से बनशंखरी की ओर जाने वाली रोड पर भी होता है, लेकिन जिस दिन क्रीशा ऐताल, उर्फ ईशू सड़क के बीच खड़ा हो जाता है, उस दिन इस रोड पर जाम नहीं लगता। 13 साल का ईशू जब सीटी बजाता है, तो ट्रैफिक खुद ब खुद रुक जाता है। और बड़ी समझदारी के साथ ईशू इस रोड पर जाम लगने से रोक लेता है।

यातायात संभालता ईशू

यातायात संभालता ईशू

साउथ एंड रोड पर यातायात संभालता ईशू।

क्रीशा ऐथाल

क्रीशा ऐथाल

ईशू जब ट्रैफिक संभालता है तब कोई पुलिसवाले वहां नहीं होते हैं।

ईशू के इशारे पर रुक जाते वाहन

ईशू के इशारे पर रुक जाते वाहन

खास बात यह है कि ईशू के इशारे पर वाहन रुक जाते हैं।

अकेले संभालता है ट्रैफिक

अकेले संभालता है ट्रैफिक

ईशू अकेले ट्रैफिक संभालता है।

रैश ड्राइविंग करने वाले ईशू को पसंद नहीं

रैश ड्राइविंग करने वाले ईशू को पसंद नहीं

ईशू का कहना है कि उसे रैश ड्राइविंग करने वाले पसंद नहीं।

हर कोई देख खुश हो जाता है

हर कोई देख खुश हो जाता है

ईशू की लगन को देख राहगीर खुश हो जाते हैं।

कुछ हैं जो नहीं रुकते

कुछ हैं जो नहीं रुकते

हमने देखा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ईशू के रोकने पर नहीं रुकते।

प्रेरणा का स्रोत है ईशू

प्रेरणा का स्रोत है ईशू

सच पूछिए तो औरों के लिये ईशू प्रेरणा का स्रोत है।

समाज के लिये कुछ करने की चाह

समाज के लिये कुछ करने की चाह

ईशू के अंदर समाज के लिये कुछ करने की ललक हमेशा बनी रहती है।

ईशू को देखें वीडियो में

ईशू को देखें वीडियो में

नीचे वीडियो में आप ईशू को यातायात संभालते देख गर्व महसूस करेंगे।

ईशू ये सब क्यों करता है, किससे प्रेरित है, चौराहे पर जब वो ट्रैफिक पुलिस की तरह यातायात संभालता है, तब उसके मन में क्या चलता है? यह सब जानने के लिये वनइंडिया ने उससे बात की। इस खास बातचीत में ईशू ने बताया कि उसे किसी ने प्रेरित नहीं किया। एक दिन घर में सफाई के दौरान उसे एक सीटी पड़ी मिली। सीटी पर धूल जमी हुई थी। ईशू ने उसे साफ किया, धोया और बजाने लगा। घर में सीटी बजाता तो लोग कहते, कान मत खाओ, इसलिये वो सड़क पर निकल गया।

जेएस अकेडमी में आठवीं के छात्र ईशू ने देखा रोड पर सड़क जाम है। उसने सीटी बजाते हुए कुछ वाहनों को रोका और कुछ के लिये रास्ता बनाया और देखते ही देखते जाम खत्म हो गया। बस उसी दिन से हर रोज़ ईशू घर के पास चौराहे पर जाता है और ट्रैफिक मैनेज करता है। आज दो महीने हो गये हैं और ईशू को अब इस काम में मजा आने लगा है।

केएस राघवेंद्र ऐताल के बेटे ईशू से कुछ सवाल जवाब, जो वाकई में प्रेरणादायक हैं-

प्र. आप ट्रैफिक क्यों मैनेज करते हैं?
उ. बस ऐसे ही, मन करता है।

प्र. किसी ने तुम्हें यह करने के लिये प्रेरित किया?
उ. नहीं, मेरे मन में आया और मैंने ये काम शुरू कर दिया।

प्र. क्या मम्मी-पापा मना नहीं करते?
उ. नहीं, बल्क‍ि उन्हें खुशी होती है, कि मैं अपने शहर के लिये कुछ कर रहा हूं।

प्र. पढ़ाई के लिये कैसे समय निकालते हो?
उ. स्कूल से आता हूं, खाना खाने के बाद थोड़ा बहुत खेल और फिर एक से दो घंटा ट्रैफिक मैनेजमेंट। छह बजे घर और फिर पढ़ाई।

प्र. आपके रोकने पर जब कोई गाड़ी नहीं रोकता है, तो कैसा फील होता है?
उ. कुछ नहीं, मैं अपना काम करता हूं, मुझे बुरा नहीं लगता है।

प्र. बड़े होकर क्या बनोगे?
उ. मैं डॉक्टर बनना चाहता हूं। और मेरा मकसद सिर्फ एक होगा- जिंदगी बचाना।

प्र. अगर आपको एक दिन के लिये बेंगलुरु का ट्रैफिक कमिश्नर बना दिया जाये, तो क्या करेंगे?
उ. मैं उन लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करवा दूंगा, जो लोग रैश ड्राइविंग करते हैं। क्योंकि एक्सीडेंट होने के सबसे ज्यादा कारण रैश ड्राइविंग है।

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English summary
This is really inspiring story came from Jayanagar area of Bangalore where a 13 year old boy Kreesha Aithal manage traffic without any help of police.
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