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कर्नाटकः विकास के लिए गिरवी रख दीं सार्वजनिक सम्पत्तियां

By Anil
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बेंगलोर। बेंगलोर महानगर पालिका ने विकस कार्यों के लिए कई सार्वजनिक स्थलों को गिरवी रख दिया है। हो न हो देश में सार्वजनिक सम्पत्तियों को गिरवी रखने का यह पहला मामला है। बेंगलोर महानगर पालिका ने शहर में विकास कर्यों को अंजाम देने के लिए मोटी रकम जुटाने चक्कर में सार्वजनिक स्थलों को ही गिरवी रख दिया है। जिसके बदले में बेंगलोर महानगर पालिका ने करीब 3 हजार 421 करोड़ रुपए लोन लिया है। महानगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि यह रकम बेंगलोर के विकास कार्यों में खर्च की जाएगी। जबकि आलोचकों का मानना है कि वक्त बताएगा कि इसमें से कितनी रकम विकास पर खर्च की जाएगी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने राज्य विधानसभा में चर्चा के दौरान इसकी जानकारी दी।

इन सार्वजनिक स्थलों को रखा गिरवी

अस्पताल, केआर मार्केट, मल्लेश्वरम मार्केट, जॉनसन मार्केट, पब्लिक युटिलिटी बिल्डिंग, मेयो कोर्ट (न्यायलय), केंपेगौड़ म्यूजियम, वेस्टर्न रेंजर्स ऑफिस, कलासीपाल्या मार्केट, राजाजीनगर मार्केट परिसर, टैनरी रोड स्थित पशु वध गृह आदि को गिरवी रखा गया है। यह सभी स्थल हुडको व केयूआईडीएफसी के पास गिरवी रखा गया है।

उठ रहे हैं कई सवाल

सार्वजनिक सम्पतियों के गिरवी रखने के बाद इनका नियंत्रण महानगर पालिका के पास नहीं रहेगा। जिससे आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। भविष्य में खड़ी होने वाली परेशानियों को देखते हुए सावल उठने लगे हैं कि सार्वजनिक स्थलों को एक ही झटके में गिरवी रखने का निर्णय कैसे ले लिया गया। यदि भविष्य में किसी विवाद हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

English summary
Public properties are pledged by Karnataka state government. This is perhaps first case in Indian History.
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