...तो इसलिए नहीं मिली जयललिता को जमानत
बैंगलोर। एआईएडीएमके चीफ और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को भ्रष्टाचार के मामले जमानत नहीं मिली। अंतिम वक्त में फैसला बदला गया। कर्नाटक हाई कोर्ट में जयललिता की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस आदेश के बाद अब जयललिता को जेल में ही रहना होगा।
हाई कोर्ट ने बेल की मांग तो खारिज कर ही दी साथ ही सजा सस्पेंड करने की मांग पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि बेल देने का कोई आधार नहीं है। आपको बता दें कि किस आधार पर जयललिता को बेल नहीं दी गई।
मामले की सुनवाई कर रहे जज ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को आदार बनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मानवाधिकार का हनन है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने हाल के ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाया है।
न्यायाधीश ने जयललिता की जमानत यचिका खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट संदेश है कि भ्रष्टाचार के मामलों को तेजी से निपटाया जाए। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि 2012 के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के आदार पर भ्रष्टाचार सोसायटी के खिलाफ है। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार आर्थिक विषमता की मुख्य वजह है।