'महिला हिंसा रोकना है तो पुरुषों का ओरियंटेशन करें'
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा ने आगे कहा कि अगर देश के पुरुषों की मानसिकता में परिवर्तन लाया जाये तो महिलाओं की स्थिति खुद ब खुद बेहतर हो जायेगी। भारत की महिलाएं आगे तो बढ़ रही हैं, लेकिन गति बहुत धीमी है, इस गति को तेज करने की जरूरत है।
ऐसे ही प्रभावी सुझावों के साथ आर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में एक आवाज उठी, जो महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाने व उनके जीवन में आयी रौशनी को और ज्यादा रौशन करने के लिये दुनिया के तमाम देशों की सरकारों को संदेश दे रही थीं, कि देश कोई भी हो, अच्छा नेतृत्व ही देशवासियों को सम्माननक जीवन दे सकता है।
इस सम्मेलन में आर्ट ऑफ लिविंग की भानुमति नरसिम्हन ने कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकना है, तो कानून को सख्त करने के साथ-साथ लोगों की मानसिकता में परिवर्तन करना होगा। हिंसा कोई भी हो उसका जन्म संकीर्ण एवं खराब मानसिकता के साथ होता है।
सम्मेलन में श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका बंदरनायिके ने कहा कि देश कोई भी हो, अच्छा नेतृत्व ही उसे सही दिखा सकता है, उसे शक्ति प्रदान कर सकता है और अहिंसात्मक तत्वों के खिलाफ लड़ने के लिये प्रेरित कर सकता है। किसी भी देश की जनता को अपने देश की बागडोर खराब नेतृत्व के हाथों में नहीं देनी चाहिये। जनता को यह समझना चाहिये कि खराब नेतृत्व सब कुछ तहस-नहस कर सकता है। सब कुछ तबाह करने का मतलब युद्धक सामग्री का इस्तेमाल ही नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार भी उनका एक अस्त्र होता है जो देश के खिलाफ इस्तेमाल होता है। भ्रष्टाचार की शुरुआत वहीं से होती है, जहां पर लोग खुद को मिली पावर को खुदा की देन समझ बैठते हैं।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि महिला हो या पुरुष और या फिर ट्रांस जेंडर ही क्यों न हों, सब को बराबर से अधिकार मिलने चाहिये। अपने भाषण के दौरान मीनाक्षी ने कहा कि समलैंगिकता को भारत में चर्चा का विषय बनाया गया, लेकिन क्या वाकई में वो चर्चा का विषय है, यह किसी ने नहीं सोचा। सच पूछिए तो समलैंगिकता एक निजी संबंध है और उसमें समाज के ठेकेदारों को झांकना नहीं चाहिये। हां अगर कोई जबरन समलैंगिक संबंध बनाता है, तो ऐसे व्यक्तियों सख्त कानून के तहत सजा देनी चाहिये।
सम्मेलन में भाजपा की राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी, सिंगर आशा भोंसले, श्रीश्री रविशंकर समेत दुनिया के कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। यह सम्मेलन तीन दिन का है, जिसमें दुनिया भर के महिला संगठनों और सरकारों से प्रतिनिधि आये हैं।