मुस्लिम दोस्त की बहन को अगवा कर ले जा रहे थे बदमाश,ट्रेन का 230 KM पीछा कर हिंदू दोस्त ने ऐसे बचाया
मुस्लिम दोस्त की बहन को अगवा कर ले जा रहे थे बदमाश,ट्रेन का 230 KM पीछा कर हिंदू दोस्त ने ऐसे बचाया
बांदा, जून 19: खबर उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से है, यहां एक दोस्त ने दोस्ती की मिसाल पेश की है। दरअसल, एक हिंदू युवक ने अपने मुस्लिम दोस्त की बहन को बदमाशों के चुंगल से छुड़ाने के लिए कार से करीब 230 किमी तक पीछा किया। हिंदू युवक ने झांसी जीआरपी की मदद से दोस्त की बहन को बदमाशों के चंगुल से छुड़ा लिया और सही सलामत घर ले आया। बता दें कि यह मामला बांदा के बिसंडा थाना क्षेत्र के एक गांव है।
यह मामला 10 जून का है। लेकिन इसकी जानकारी तब हुई जब एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ा लिया और बिना कार्रवाई छोड़ दिया। खबरों के मुताबिक, बिसंडा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 17 वर्षीय युवती को बहला-फुसलाकर गांव के ही एक युवक ने अपहृत कर लिया। इसके बाद आरोपी युवक ने किशोरी को चार युवकों को सौंप दिया। जो उसे बांदा रेलवे स्टेशन से तुलसी एक्सप्रेस ट्रेन में बैठाकर मुंबई ले जा रहे थे। बहन के घर लापता होने की जानकारी पर परेशान मुस्लिम युवक ने अपने हिन्दू दोस्त को व्यथा सुनाई।
दोस्त के घर की इज्जत बचाने के लिए उसने जी-जान लगा दिया। सबसे पहले दोनों दोस्त अतर्रा रेलवे स्टेशन गए। वहां पूछताछ की, लेकिन कोई पता नहीं चला। इसपर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखना चाहे। थाना, चौकी और स्टेशन मास्टर से मिले, पर फुटेज देखने को नहीं मिली। इसी दौरान उसके मुंबई जाना वाले एक दोस्त ने लड़की के ट्रेन में होने की खबर दी। जिसके बाद हिंदू दोस्त ने कार से ट्रेन का पीछा करना शुरू कर दिया। वह करीब 230 किमी तक ट्रेन के पीछे दौड़ गया। उनसे तुरंत महोबा जीआरपी से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने तुरंत झांसी जीआरपी को मामले की खबर दी और लड़की का फोटो उन्हें भेज दिया।
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सूचना पर अलर्ट झांसी जीआरपी ने ट्रेन रुकते हुए कोच को घेर लिया। तलाशी ली और किशोरी को बरामद कर लिया, लेकिन उसे अगवा कर ले जा रहे आरोपित भाग निकले। बताया जा रहा है कि इस मामले में चौकी इंचार्ज ने एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया था, लेकिन बिना कार्रवाई के ही दूसरे दिन छोड़ दिया। पीड़िता के भाई ने निराश होकर अपनी व्यथा सोशल मीडिया में वायरल कर दी, जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया। हालांकि, अब पुलिस के उच्चाधिकारी भी इस मामले में बोलने से बच रहे हैं।