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ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला तो टूट जाएंगी नेहा की सांसें, मां ने लगाई सीएम योगी से गुहार

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बलरामपुर। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक बेटी ने अपनी जिंदगी बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। जिले के विशुनीपुर क्षेत्र की एक बेटी को लाखों में किसी एक को होने वाली बेहद गंभीर बीमारी "पल्मोनरी अट्रीस हाइपरटेंशन" है। जिसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने करीब साढ़े 3 लाख रुपए खर्चे की बात परिजनों को कही। मगर, अपनी माली हालत के चलते उसके परिजन इलाज कराने में असमर्थ थे। ऐसे में उन्होंने जिले के विधायक व सांसदो से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद अब परिवार ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बिटिया के इलाज के लिए मदद की दरकार की है।

इस बीमारी ने नेहा के सपनों पर पानी फेर दिया

इस बीमारी ने नेहा के सपनों पर पानी फेर दिया

गंभीर बीमारी से पीड़ित यह बेटी बलरामपुर में बिशुनीपुर क्षेत्र की है। इस बेटी का नेहा चौहान बताया जा रहा है। वह 3 सालों से "पल्मोनरी अट्रीस हाइपरटेंशन" बीमारी से जूझ रही है। करीब 10 महीने से लगातार ऑक्सीजन पर है। बिना ऑक्सीजन के नेहा का जिंदा रहना संभव ही नहीं है। नेहा नाम मात्र के लिए ही चल पाती है और पूरे दिन बिस्तर पर ही रहती है। नेहा ने अच्छी पढ़ाई की है और सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला किया था, लेकिन इस बीमारी ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया।

क्या होता है इस बीमारी से?

क्या होता है इस बीमारी से?

बहुत सारे लोगों ने "पल्मोनरी अट्रीस हाइपरटेंशन" बीमारी का नाम भी नहीं सुना होगा। इस बीमारी में शरीर की धमनियों सिकुड़ जाती हैं और रक्त का स्राव बेहद कम हो जाता है शरीर में ऑक्सीजन की भारी कमी हो जाती है और बीमार व्यक्ति को लगातार ऑक्सीजन पर ही रखना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हाल नेहा का भी है।

कहां चल रहा है नेहा का इलाज?

कहां चल रहा है नेहा का इलाज?

नेहा का इलाज लखनऊ के मेडिकल कालेज से चल रहा है। डॉक्टर्स ने न्यूरोलाजी में ऑपरेशन की सलाह दी है, जिसमें करीब साढ़े 3 लाख का खर्चा आएगा। डाक्टरों के बताए खर्च का इंतजाम करने में नेहा के परिजन नाकाम हैं। इसीलिए उन्होंने जिले के विधायक और सांसद से मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन अभी तक ना तो किसी विधायक ने और ना ही सांसद ने उनकी कोई मदद की। नेहा की सांसें चलती रहें इसके लिए रोज एक ऑक्सीजन का सिलेंडर उनके परिजनों को इंतजाम करना पड़ता है और 24 घंटे लगातार वह अक्सीजन पर ही रहती है। एक ऑक्सीजन के सिलेंडर का खर्चा करीब दिन का 500 रुपए का है और नेहा करीब 10 महीने से रोज एक ऑक्सीजन सिलेंडर पर जिंदगी की जंग लड़ रही है। ऐसे में परिवार का ऑक्सीजन सिलेंडर भी ले पाना मुश्किल हो रहा है तो उन्होंने आप सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई।

अखिलेश यादव ने की मदद

अखिलेश यादव ने की मदद

यह सूचना जब मीडिया में आई तो अखबारों की सुर्खियों में भी नेहा का नाम आया। जिसे पढ़कर उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्थानीय सपा नेता एवं पूर्व वननिगम के चेयरमैन रहे सलिल सिंह टीटू को अपने प्रतिनिधि के तौर पर नेहा के पास भेजा और 100000 रुपए की नकद धनराशि देकर उसके इलाज में मदद की। सत्ता में न होने के बावजूद भी पूर्व सीएम अखिलेश यादव से यह मदद पाकर पूरा परिवार बेहद खुश है, लेकिन परिवार को कहीं ना कहीं एक निराशा भी है कि जो सत्ता में बैठे हैं, जिनके हाथों में बहुत कुछ है। उनसे 4 महीने से परिवार गुहार लगा रहा है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं।

...तो नेहा की सांसे टूट जाएगी

...तो नेहा की सांसे टूट जाएगी

बेटी को तो दर्द है ही, लेकिन बेटी से कहीं ज्यादा, उसकी मां को भी उस दर्द को सहना और उससे गुजारना पड़ता है। जब ऑक्सीजन का सिलेंडर खत्म होने लगता है और नए सिलेंडर के लिए पैसे का इंतजाम नहीं हो पाता लेकिन परिवार कहीं ना कहीं से जुगाड़ करके सिलेंडर की व्यवस्था कर ही लेता है, क्योंकि अगर सिलेंडर नहीं मिलेगा तो नेहा की सांसे टूट जाएंगी।

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English summary
Neha suffering a rare disease, seeks help from uttar pradesh CM yogi adityanath
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