बारिश से यूपी के तराई क्षेत्र जलमग्न, पीड़ितों को नहीं मिल रही कोई मदद, घरों में घुसा पहाड़ों से पानी
बलरामपुर। तेज बारिश से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। यहां तराई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। पहाड़ों से निकला पानी बलरामपुर जिले में भी लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। मुख्यालय को जोड़ने वाली तमाम सड़कें कट चुकी हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के प्रशासनिक दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। कई गांवों में हालत यह हो गए हैं कि लोगों को खाने-पीने की चीजें भी नहीं मिल पा रहीं। डीएम ने कहा था कि पीड़ितों केा मदद मुहैया कराई जा रही है, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल उलट है।
भारी बारिश से हिमालय की तलहटी में बसे गांव संकट में
संवाददाता के अनुसार, हिमालय की पहाड़ियों का पानी निचले इलाके में मुसीबत बना हुआ है। लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। जहां-तहां जाने के लिए लोग कमर तक के पानी में जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं। तराई के दत्तरंगवा डिप पर इस कदर पानी चल रहा है कि लोगों को इस डिप को पार करने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसके लिए उन्हें अच्छी खासी रकम भी चुकानी पड़ रही है। ऐसा ही कुछ हाल सिंघवापुर, लौकहवा, ललिया वा शिवपुरा क्षेत्र का भी है यहां भी बाढ़ जैसे हालात हैं।
हवा-हवाई साबित हुए मदद पहुंचाने के दावे
जिले के डीएम कृष्णा करुणेश पीड़ितों को पूरी मदद व नाव की व्यवस्था देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनका झूठ तब सामने आ गया, जब लोगों से बात करने के दौरान लोगों ने बताया कि शासन-प्रशासन द्वारा कोई भी मदद नहीं मिल सकी है। लोग स्वयं से ही खाने का इंतजाम कर रहे हैं व आने जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं। बरसात से पहले कागजों में चुस्त दुरुस्त दिखने वाला प्रशासन महज थोड़ी सी बारिश में ही घुटनों पर नजर आ रहा है।
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यह दी डीएम ने सफाई
कृष्णा करुणेश ने सफाई दी है कि यह बाढ़ का पानी नहीं है, बल्कि बरसात का पानी है जो जल्द ही निकल जाएगा। जिले के सभी बंदे सुरक्षित हैं, डिप पर आने जाने के लिए नाव की व्यवस्था करा दी गई है। पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जा रही है।
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