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जानिए कौन हैं सावित्री बाई फूले जिनका इस्तीफा भाजपा को पड़ सकता है भारी

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बहराइच। यूपी के बहराइच में गुरुवार को जिले की सांसद सावित्री बाई फूले ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा में रहते हुए वे अपनी ही सरकार को अनुसूचित जाति, आरक्षण व संविधान का विरोधी करार दे रही थीं। सीएम योगी पर भी वे लगातार हमलावर रहीं। इसको देखते हुए पार्टी ने उनसे दूरी बना ली। बैठकों में भी सांसद को दूर रखा जा रहा था। आखिरकार हाशिए पर रही सांसद ने पार्टी को छोड़ दिया और जातीय गोलबंदी में जुट गई हैं।

अपने तेवर के लिए मशहूर हैं सावित्री बाई फूले

अपने तेवर के लिए मशहूर हैं सावित्री बाई फूले

सांसद सावित्री बाई फूले अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर रही हैं। बसपा से जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद भाजपा में पहुंची सावित्री को वर्ष 2012 में बलहा विधान से टिकट दिया गया। इस चुनाव में धमाकेदार जीत से उनका भाजपा में कद बढ़ा। इसका फायदा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा संगठन ने सभी दावेदारों को दरकिनार कर उन्हें बहराइच लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। मोदी लहर में जीत हासिल कर संसद पहुंची सांसद फूले उस समय से सुर्खियों में आईं जब बहराइच-बाराबंकी हाइवे की गुणवत्ता को लेकर वो धरने पर बैठीं। इसके सांसद ने अनुसूचित जाति, आरक्षण व संविधान को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था।

राममंदिर और ब्राह्मणों पर दिया था बयान

राममंदिर और ब्राह्मणों पर दिया था बयान

दो दिन पहले राममंदिर व ब्राह्मणों को लेकर दिए गए बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया था। सांसद फूले खुद को प्रदेश में अनुसूचित जाति की नेता स्थापित करने के लिए नमो बुद्धाय सेवा समिति के माध्यम से लखनऊ समेत लगभग दो दर्जन जिलों में अनुसूचित जाति की रैली कर जनजागरण भी कर चुकी हैं। डेढ़ वर्षों से आरएसएस, भाजपा संगठन, सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को कोस रहीं सांसद फूले संगठन में बनी रहीं। अपने को कांशीराम का अनुयायी और नानपारा में अपने घर के गेट पर लगी कांशीराम की प्रतिमा भी उनकी आस्था का केंद्र बिंदू रही।

भगवान राम को लेकर दिया था विवादित बयान

बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी समाज में विभाजन करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि सावित्रीबाई फुले ने हाल ही भगवान राम को लेकर एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने भगवान राम को मनुवादी बताया था। फुले ने कहा बजरंगबली अगर दलित नहीं थे तो उन्हें इंसान क्यों नहीं बनाया गया उन्हें बंदर क्यों बनाया गया? उनके मुंह में कालिख क्यों लगाई गई और पूछे क्यों लगाई गई? सावित्री बाई फुले ने कहा था कि आज मंदिर और कुंभ के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अगर यही पैसे गरीबों में बांट दिए जाए तो शायद गरीबी की गरीबी कम हो जाएगी।

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English summary
Profile of savitribai phule who resigned from from BJP
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