अमरोहा: महिला ने रची थी गैंगरेप की झूठी कहानी, मेडिकल रिपोर्ट से हुआ खुलासा
अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में निजी अस्पताल की संचालिका ने साजिश के तहत छह लोगों पर गैंगरेप करने का आरोप लगाया था। उसने पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने उसके प्राइवे पार्ट पर भी चोट पहुंचाई। जिसके बाद अमरोहा पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी और मेडिकल रिपोर्ट का इंतार करने लगे। बता दें कि मेडिकल रिपोर्ट में आने के बाद पुलिस ने घटना का चौंकाने वाला खुलासा कर दिया।
क्या है मामला
मामला अमरोहा जिले के हसनपुर कोतवाली क्षेत्र का है। रूद्रपुर गांव निवासी अपने प्रेमी के साथ महिला ने साझे में एक निजी अस्पताल खोला था। महिला ने गैंगरेप का आरोप अस्पताल में अपने साझीदार ऋषिपाल के अहरौला तेजवन निवासी ससुर हुक्म सिंह, साले तेजवीर, मौसेरे साले विष्णु व शाहपुर कला निवासी साढू अखिलेश पर लगाया था। उसकी तहरीर पर कुल छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उसने पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने उसके प्राइवे पार्ट पर भी चोट पहुंचाई थी। गैंगरेप की वारदात के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया था और पुलिस मामले की जांच में जुट गई।
पुलिस जांच में सामने आईं यह बात
पुलिस जांच में पता लगा कि अस्पताल की साझीदार महिला से नजदीकी का ऋषिपाल की पत्नी विरोध कर रही थी। हाल में उसके मौसा के गांव सुल्तानठेर में ऋषिपाल की मारपीट हुई थी। ऋषिपाल का साला रिंकू गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसके परिजनों ने गजरौला थाने में ऋषिपाल पर मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में फैसले का दवाब बनाने के लिए महिला ने गैंगरेप की झूठी कहानी रच दी। कोतवाल आरपी शर्मा ने बताया कि महिला ने बताया है कि उसकी ऋषिपाल से नजदीकी है। ऋषिपाल को मुकदमे से बचाने के लिए गैंगरेप में उसके रिश्तेदारों को फंसा दिया। सिरिंज से ब्लड निकालकर कपड़ों पर छिड़का था। प्राइवेट पार्ट पर ब्लेड से जख्म किया था।
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मेडिकल रिपोर्ट से हुआ खुलासा
गैंगरेप के मामले में शुरू से ही पुलिस को पेंच नजर आ रहा था। गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी। मेडिकल रिपोर्ट मिलते ही पुलिस ने महिला से सख्ती से पूछताछ की तो उसने हकीकत बयां कर दी। पुलिस की मानें तो उसने दस वर्ष पूर्व आदमपुर क्षेत्र के गांव निवासी गैर बिरादरी के युवक संग प्रेम विवाह किया था। असमय हुई पति की मौत के बाद वह देवर के साथ रहने लगी, जिससे उसे एक पुत्र भी हुआ। करीब तीन वर्ष पूर्व देवर आपराधिक मामले में जेल चला गया। इसके दौरान महिला रूद्रपुर निवासी ऋषिपाल के संपर्क में आ गई। दोनों ने दौरारा में अस्पताल खोला।
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