टीचर शबनम को हुआ 5वीं पास सलीम से प्यार, फिर बनी बिन ब्याही मां और कर डाले 7 कत्ल
अमरोहा। यूपी के अमरोहा में साल 2008 में 10 महीने के बच्चे समेत सात लोगों का कत्ल कर दिया गया था। हत्यारे प्रेमी-प्रेमिका को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी, जिसपर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। करीब 12 साल पहले हुए इस जघन्य हत्याकांड ने लोगों के होश उड़ा दिए थे।
खून से लथपथ घर, सात लाशें और रोती हुई एक लड़की
मामला अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव का है। करीब 12 साल पहले 15 अप्रैल 2008 की रात गांव के एक घर से अचानक लड़की के दहाड़े मार-मारकर रोने की आवाजें आती हैं। लड़की के रोने की आवाजें, चीखें सुनकर गांव के लोग घर पहुंचते हैं। घर के अंदर का नजारा देखकर ग्रामीणों के होश उड़ जाते हैं। घर में चारों तरफ खून, सात लोगों की खून से लथपथ लाशें और रोती-बिलखती 25 साल की शबनम। शबनम चीख-चीख कर बताती है घर में लुटेरे आए और उसके परिवार को बेरहमी से मार डाला।
पुलिस जांच में हुए खुलासे से सब हैरान
गांव में दहशत फैल जाती है। इसी बीच सूचना पाकर पुलिस मौके पहुंचती है और जांच शुरू होती है। जांच में पुलिस को पता चलता है कि लुटेरे नहीं, बल्कि शबनम ने ही अपने मां-बाप, दो भाई, एक भाभी, मौसी की बेटी और एक भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात में उसके पांचवी पास प्रेमी सलीम ने साथ दिया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
टीचर थी शबनम और पांचवी पास सलीम
शबनम पोस्टग्रैजुएट थी और स्कूल में पढ़ाती थी। उसे पांचवी पास सलीम से प्यार हो गया था, लेकिन उसके परिवार को ये रिश्ता कतई मंजूर नहीं था। घरवालों की नामंजूरी की वजह से शबनम का अक्सर उनसे झगड़ा होता था। शबनम सलीम के बच्चे की मां बनने वाली थी। वह दो माह की गर्भवती थी और उसे लगा कि अगर परिवार को इस बारे में पता चलेगा तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे। ऐसे में उसने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार को रास्ते से हटाने का फैसला ले लिया और खौफनाक साजिश रच डाली। 15 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने खाने में कुछ मिलाया और जब सब बेहोशी की नींद सो गए तो उसने एक-एक कर कुल्हाड़ी से सबको मौत के घाट उतार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई है।
अमरोहा हत्याकांड: फांसी की सजा पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी, SC ने फैसला रखा सुरक्षित