पंजाब: बड़े विवाद में फंसा अमेजॉन, शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी लड़ेगी कानूनी लड़ाई
Amritsar News,(अमृतसर)। सिखों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तस्वीर लगी टायलेट सीट को जानी-मानी ऑन लाइन कंपनी अमेजॉन की हरकत के खिलाफ सिख संगठनों में खासा रोष है। अमेजॉन की हरकत पर सिखों के धार्मिक मामलों को देखने वाली शिरोमणी गुरूद्धारा प्रबंधक कमेटी ने कड़ा कदम उठाया है व कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। कंपनी पर आरोप लगे हैं कि अमेजॉन की साइट पर ऐसे टॉयलेट सीट बेचे जा रहे हैं जिस पर सिखों के मुख्य धार्मिक स्थल की तस्वीरें लगी हैं। एक टॉयलेट सीट पर गोल्डन टेंपल की तस्वीर लगी हुई दिखाई गई है।
सिख संगठन कर रहा विरोध
भारत ही नहीं विदेशों में अमेजॉन के खिलाफ सिख संगठन विरोध कर रहे हैं। दलील दी जा रही है कि स्वर्ण मंदिर सिखों का सबसे बड़ा पवित्र धार्मिक स्थल है। पूरे समुदाय की धार्मिक भावनाएं इससे जुड़ी हुई हैं। यहां तक की खंडा साहिब भी सिखों की धार्मिक निशानी हैं लेकिन अमेजॉन कंपनी ने यह सब जानते हुए इनका इस्तेमाल अपने उत्पाद बेचने के लिए किया है, जिससे सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
स्वर्ण मंदिर की तस्वीर वाला दिखाया मैट
गौरतलब है कि अमेजॉन की वेबसाइट पर फिलीफोम यूनिवर्सल टायलेट सीट की बिक्री के लिए प्रसारित एक तस्वीर में सीट के ऊपर स्वर्ण मंदिर की तस्वीर वाला मैट दिखाया गया है। इसको लेकर सिखों में भारी रोष पैदा हो गया है। इसलिए, सिक्ख संगठनों की मांग है कि तस्वीरों वाले उत्पादों को तुरंत हटाया जाए। विरोध के बाद अमेजॉन ने कुछ उत्पाद जरूर हटाए हैं पर टॉयलेट की बिक्री जारी है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी लड़ेगी कानूनी लड़ाई
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अमृतसर के पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव से कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी। इसी आधार पर अब अमृतसर में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही कंपनी को कानूनी नोटिस भी जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि वह अपनी वेबसाइट से इस विवादित उत्पाद को हटाए और सिखों से माफी मांगे। अगर कानूनी नोटिस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो कंपनी के खिलाफ सिविल व आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा है कि कंपनी की इस हरकत को सिख समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी पत्र लिखा गया है। पत्र में लिखा गया है कि स्वर्ण मंदिर की तस्वीर का गलत प्रयोग करना दुनिया के किसी भी कोने में बैठा सिख सहन नहीं कर सकता। विदेश मंत्रालय को इस प्रकार की कंपनियों पर नजर रखनी चाहिए ताकि व्यापार के बहाने कंपनी देशवासियों की भावनाओं का अनादर न कर सकें।
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