हम किसी को छेड़ते नहीं, अगर छेड़ोगे तो छोड़ते भी नहीं: स्मृति ईरानी
अमेठी। केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी कैंडिडेट स्मृति ईरानी का धमकी भरा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र मे चुनावी मंच से लोगों को संबोधित करते हुए वो कह रही हैं कि "मैं इस क्षेत्र के गुंडे से कहना चाहती हूं, दीदी ये चूड़ियां सिर्फ सुहाग की निशानी के लिए पहनती है। जिसने भी धमकी दी है उस तक मेरी आवाज निश्चित पहुंच जाएगी, मैं उनको बतलाना चाहूंगी कि इस राज्य में योगी की सरकार चल रही है गुंडई बिल्कुल भी बर्दाश्त नही की जाएगी।''
हम किसी को छेड़ते नहीं, छेड़ोगे तो छोड़ते भी नहीं
वीडियो में स्मृति ने कहा है कि यहां अगर कांग्रेस का पक्ष नहीं लगा तो यहां कांग्रेस का नेता गरीब का शौचालय नहीं बनवा के देगा। अगर कांग्रेस का साथ न दो तो कांग्रेस का नेता गरीब को धमकाएगा। मैं कांग्रेस के कार्यकर्ता से कहना चाहती हूं जो गरीब जनता को धमकाते हैं, कि भारतीय जनता पार्टी एक ऐसे शेर की पार्टी है जिसने पाकिस्तान में घुसकर दुश्मन पर हमला किया है। हम किसी को छेड़ते नहीं अगर छेड़ोगे तो छोड़ते भी नहीं। आज आप के मध्य में कहने आई हूं कांग्रेस पार्टी से कितना प्रताड़ित हो सकता है ये क्षेत्र आप भली भांति इस बात को समझते है। कांग्रेस पार्टी के गुंडे किस प्रकार से धमकाते है ये आप की अपनी आपबीती है और मैं वचन देती हूं कि 6 तारिख को अमेठी की जनता ने तय कर लिया है की वे कमल का बटन दबाएंगे और भाजपा का सांसद बनाएंगे और वचन है मेरा इसी गांव में मैं लौटूंगी 23 मई के बाद।
स्मृति के धमकाने के पीछे ये है पूरा मामला
दरअसल, स्मृति ईरानी का ये आक्रोश इसलिए दिखा है कि 22 अप्रैल को अमेठी लोकसभा क्षेत्र के जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हलियापुर व आसपास के 11 गांवों में उनकी सभाएं लगी थीं, जिसमें दो-तीन गांव मे भीड़ नहीं आने के चलते उनका कार्यक्रम निरस्त हुआ और जहां कार्यक्रम हुआ वहां कहीं 50 तो कहीं 100 आदमी जमा हुए। इससे आग बबूला होकर सोरांव में उनके सब्र का बांध टूट गया। बता दें कि इसका बड़ा कारण ये है के हलियापुर समेत 29 गांव के लोग वोट तो अमेठी लोकसभा क्षेत्र में देते हैं, लेकिन उनके समस्त सरकारी कार्य सुल्तानपुर जिले में होते हैं।
प्रधानों ने किया था चुनाव बहिष्कार
यहां के 29 गांव के 22 प्रधानों ने लाखों वोटरों के साथ 2017 के चुनाव में चुनाव का बहिष्कार किया था, मांग रखी थी के उन्हें पूर्ण रूप से सुल्तानपुर जिले से जोड़ा जाए। इसके बाद प्रशासन ने उनकी मांग को माना और चुनाव बाद इस पर कार्य भी शुरू हुआ कुछ एक कागजात तैयार भी हुए। सूत्रों की मानें तो मंत्री सुरेश पासी और स्मृति ईरानी ने इसे रुकवाने की मुहिम छेड़ दी, जिससे नाराज यहां के लोग अब स्मृति और सुरेश पासी का विरोध कर रहे हैं। उधर स्मृति के धमकी वाले वीडियो के वायरल होने के बाद 29 गांव की मुहिम को लेकर सबसे आगे रहने वाले धनंजय सिंह ने कहा है कि स्मृति ईरानी ने गुंडा शब्द कहकर भालेसुल्तानियों और 29 गांव के लोगों का अपमान किया है। मतलब साफ है की ये उनकी झल्लाहट है और यह उनकी 29 गाँव विरोधी नियति है। इसका उत्तर हम सब 6 मई को देंगे।