70 साल के रिश्ते तोड़ राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेगा ये कांग्रेसी नेता
Amethi News, अमेठी। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election) के जरिए सत्ता में वापसी की राह देख रही कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस को झटका देने वाले हाजी राशिद का परिवार पिछले 70 सालों से गांधी परिवार का विश्वासपात्र रहा है। बता दें कि हाजी राशिद के पिता मोहम्मद सुलतान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के 'प्रस्तावक' रह चुके है। अब हाजी मोहम्मद हारून राशिद ने अमेठी सीट पर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर कांग्रेस सहित सभी को चौंका दिया है।
कांग्रेस से हो गया मोह भंग
गांधी परिवार से बागी हुए कांग्रेस नेता हाजी हारून ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस से आज मेरा ही मोह भंग नहीं हुआ पूरे देश के मुसलमानो का मोह भंग हो चुका है। कहा कि कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व हमें लंबे समय से नजरअंदाज करता आ रहा है। इसकी वजह से इलाके के साथ-साथ समुदाय का विकास प्रभावित हुआ है। राशीद ने कहा, 'इस संसदीय सीट पर 6.5 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं और हम सब कांग्रेस के खिलाफ वोट डालेंगे।
2014 में राहुल गांधी को 4,08,651 वोट मिले थे
अमेठी (Amethi) से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर राशीद ने कहा कि इस संसदीय सीट पर 6.5 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं। मैं गुर्जर समुदाय से हूं। इस सीट पर गुर्जरों के भी चार लाख वोटर्स है। राशीद ने कहा कि इस बार अमेठी में उनकी जीत होगी और वह संसद तक पहुंचेंगे। कहा कि 2014 में राहुल गांधी हार चुके थे मैं दूसरे प्रांत में लगा हुआ था मुझे स्पेशल बुलाया गया। यहां हमारी कम्यूनिटी का देवबंद, नदवा, दारुल ओलूम मैं सबसे जुड़ा हूं। सबको कांटेक्ट किया और मैने राहुल गांधी को मुस्लिम कंडीडेट साबित करके उनको चुनाव एक लाख 7 हजार समथिंग से वोटो से जिताया। कहा कि अगर उनकी (राहुल गांधी) इतनी छवि थी तो पांच एमएलए अमेठी से लड़ा, उन्में से कोई एक भी क्यों नहीं जीता।
चुनाव कोई भी लड़ सकता है: जिलाध्यक्ष
वहीं, जब इस मामले पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव है और चुनाव में बहुत लोग मैदान में आते-जाते हैं। जहां तक हारून रशीद की बात है उनके पिता सुल्तान बहुत पुराने कांग्रेसी हैं। सोनिया के बहुत करीबी रहे हैं। हालांकि हारून रशीद हमारी पार्टी में कोई पदाधिकारी नहीं रहे। लोकतंत्र है सबकी अपनी अपनी इच्छाएं होती हैं।
70 साल दिया कांग्रेस का साथ, अब और नहीं
हारून के पिता मोहम्मद सुलतान कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। राशिद ने बताया कि 1910 में जन्मे मेरे पिता जब बहुत युवा थे तभी कांग्रेस से जुड़ गए थे। हमने 70 से अधिक समय तक कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है लेकिन अब हमें अहसास हो रहा है कि पार्टी यहां (अमेठी) विकास ही नहीं करना चाहती है। 70 साल तक हमने बहुत कुछ गंवा दिया है, अगर हम अब भी नहीं जगे तो फिर हम अपनी तकदीर और अमेठी की तस्वीर नहीं बदल पाएंगे।
ये भी पढ़ें:-जोशी की एक चिट्ठी से हुआ 'भाजपा के तीन धरोहर, अटल आडवाणी मुरली मनोहर' युग का अंत