चलती रेल से बाहर फेंका गया बच्चा नहीं मिल पाया, 100 से ज्यादा जवान खोजते रहे, देखें वीडियो
अंबेडकरनगर। उत्तर प्रदेश में अंबेडकरनगर जिले की सीमा में चलती ट्रेन से फेंके गए 7 माह के बच्चे का कोई सुराग नहीं लग पाया है। उस बच्चे को जीआरपी एवं यूपी पुलिस के 100 से ज्यादा जवान खोज रहे हैं। अकबरपुर रेलवे स्टेशन से गोसाईगंज रेलवे स्टेशन के बीच 21 किलोमीटर की रेल पटरी एवं उसके दोनों ओर खड़ी झाड़ियों में बच्चे की तलाश की गई। मगर, उसका पता नहीं चल सका। गुरुवार को बिहार के रहने वाले एक सिरफरे ने ट्रेन में सवार महिला की गोद से उस बच्चे को ट्रेन से बाहर फेंका था। वह बच्चा रो रहा था, मां उसे चुप कराने में लगी थी। इससे सिरफिरा गुस्सा हो उठा और बच्चे को बाहर फेंक दिया। इस घटना के बाद ट्रेन में मौजूद अन्य सवारियों ने सिरफिरे की जमकर पिटाई की।
चलती ट्रेन से बच्चे को नीचे फेंका, उसकी मां ने पीड़ा बताई
उक्त बच्चे की मां की पहचान उमा बर्मन के रूप में हुई। वह पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर की रहने वाली है। वहीं, जिसने बच्चे को ट्रेन से फेंका उसका नाम कमलेश बताया जा रहा है। कमलेश बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि कमलेश मानसिक रूप से बीमार है।
बच्चे को नीचे फेंकने के बाद सिरफिरे ने मां का भी गला दबाया
सिरफरे कमलेश के बारे में बताते हुए उमा बर्मन ने कहा, जब मैंने विरोध किया तो उसने मेरा गला दबा दिया। तब ट्रेन में मौजूद लोगों ने उसे बुरा-भला कहा और पिटाई की। बाद में पुलिस ने कमलेश को हिरासत में ले लिया। थानाध्यक्ष नितेंद्र शुक्ल ने कहा कि बच्चे की तलाश की जा रही है। जिस शख्स ने बच्चे को फेंका, उस पर कार्रवाई होगी।
जीआरपी सीओ अरुण कुमार ने कहा- अभी खोज जारी
जीआरपी सीओ अरुण कुमार के अनुसार, बच्चे की तलाश शुक्रवार को भी जारी रही। जब बच्चे को चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया तो ट्रेन स्टेशन पर रुकी। उसके बाद उस बच्चे की मां की शिकायत पर बच्चे की उस इलाके में तलाश की गई, जहां उसे ट्रेन से फेंका गया था। उस बच्चे को ट्रेन की सवारियों ने भी ढूंढने की बहुत कोशिश की।
इस ट्रेन में बच्चे के साथ सवार थी मां
घटना दिल्ली जाने वाली 13483 अप फरक्का एक्सप्रेस में हुई। जब वह ट्रेन अकबरपुर से लगभग 45 मिनट की देरी से गोसाईगंज की तरफ आ रही थी। बच्चे को फेंके जाने की घटना के बाद वह करीब 9 मिनट तक गोसाईगंज रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही।