जानिए कौन है खान मुबारक, जिसका नाम यूपी के टॉप 5 अपराधियों की लिस्ट में है शामिल
अंबेडकर नगर। दुर्दांत विकास दुबे का सफाया करने के साथ ही यूपी में अपराधियों का ऑपरेशन क्लीन शुरू हो गया है। ऑपरेशन क्लीन में यूपी के फाइव टॉप अपराधियों के नाम शामिल है। इसमें अंडरवर्ल्ड के बदमाश जफर सुपारी का भाई खान मुबारक का नाम भी शामिल है। खान मुबाकर पहले इलाहाबाद व आस पास के क्षेत्रों में ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था, बाद में उसने अंबेडकर नगर को ही अपराध का अड्डा बना लिया। खान मुबारक अपराध की दुनिया का एक ऐसा नाम बन चुका है जिससे जिले में ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में भी लोग खौफ खाते है।
जानिए कौन है खान मुबारक
खान मुबारक, अंडरवर्ल्ड के बदमाश जफर सुपारी का भाई है और अंबेडकर नगर जिले के हसवर थाना क्षेत्र के ग्राम हरसम्हार का रहने वाला है। खान मुबारक काला घोड़ा हत्या कांड के बाद चर्चा में आया था और छोटा राजन गिरोह का हिस्सा था। छोटा राजन से मिलकर इसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खिलाफ गैंग तैयार किया था। जफर सुपारी ने भी 15 साल की उम्र में ही गांव के एक लड़के की हत्या कर अपराध की दुनिया मे कदम रखा था। इसका छोटा भाई खान मुबारक जो प्रदेश का चर्चित माफिया है।
अंपायर को गोली मारने का बाद रखा था अपराध की दुनिया में कदम
तकरीबन एक दशक पूर्व इलाहाबाद में पढ़ाई करने के दौरान खान मुबारक ने क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर द्वारा रन आउट देने पर अंपायर को गोली मार अपराध की दुनिया में दस्तक दी थी। इसके बाद खान मुबारक ने इलाहाबाद में एक पोस्ट आफिस को लूट कर जरायम की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत की। अंबेडकर नगर में इसने पहली हत्या एक भट्ठा व्यवसायी एवं ट्रांसपोर्टर ऐनुद्दीन की हत्या मामूली विवाद में की थी।
2018 में बसपा नेता जुरगाम मेहंदी की कराई थी हत्या
खान मुबारक की अंबेडकर नगर जिले में रंगदारी और वसूली बढ़ गई थी। उसकी वसूली के रास्ते में रोड़ा बन रहे बसपा नेता जुरगाम मेहंदी पर वर्ष 2017 में हमला कराया जिसमें मेहंदी को 6 गोली लगी। लेकिन वे बच गए, इसके बाद वर्ष 2018 में खान मुबारक ने जुरगाम मेहंदी पर दोबारा हमला कराया। इस हमले में मेहंगी और उनके ड्राइबर की मौत हो गई। बसखारी में पेट्रोल पंप व्यवसाई और आजमगढ़ में ओसामा की हत्या में भी खान मुबारक का नाम आया था। खान मुबारक पर आपराधिक वारदातों की फेहरिस्त तो काफी लंबी है और इसके ऊपर तकरीबन 2 दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन इसका खौफ इतना है कि इसके विरुद्ध गवाह नहीं मिलते। साथ ही खाकी वालों पर भी इसकी अच्छी पकड़ है।