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यूपी: गरीब मनीषा बता रही बेबसी, न छत नसीब, न दो वक्त की रोटी

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अंबेडकर नगर। केन्द्र व प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं उनके हक़दार गरीबों के दरवाजे तक पहुंचनी चाहिए जो नहीं पहुंच पा रही हैं। अम्बेडकरनगर जिले के भीटी तहसील क्षेत्र की रहने वाली मनीषा की आंखें उस समय नम हो जाती हैं जब वो सिस्टम और अपनी बेबसी की कहानी सुनाती है। मनीषा का परिवार एक ऐसा परिवार है जो सरकार की तमाम योजनाओं के बावजूद बदहाल है, यहां तक कि 24 घंटे में एक बार बड़ी मुश्किल से खाना नसीब होता है वो भी दूसरों के रहमोकरम पर।

बारिश में जीना दुश्वार

बारिश में जीना दुश्वार

इस परिवार के पास घर के नाम पर महज एक झोपड़ी है जिसमें सरकार का दिया हुआ गैस सिंलेंडर तो है पर उसमें गैस नहीं। बीबीपुर सिकहवां गांव की रहने वाली मनीषा अपनी बेबसी की कहानी बताते हुए रुआंसी हो जाती है। मनीषा ने बताया कि इस एक झोपड़ी में हमारा पूरा परिवार रहता है, जिसके किसी तरफ दीवार नहीं है, हम सब जमीन पर सोते हैं, अंधेरे में रहते हैं, अगर बारिश आती है तो और भी दुश्वारी होती है।

योजनाओं का लाभ नहीं मिला

योजनाओं का लाभ नहीं मिला

उसने बताया कि जब हम दूसरों को स्कूल जाते देखते हैं तो हमारा भी दिल पढ़ने को करता है पर हमारे माता-पिता के पास इतना पैसा नहीं कि वो हमें पढ़ा सकें। उसने बताया कि जो राशन हमें सरकारी दुकान से मिलता है वो पंद्रह दिन भी नहीं चल पाता। इसके बाद अगर दूसरों ने दे दिया तो खा लेते हैं। सुमन ने कहा कि हमारे पिता जब कोई मजदूरी का काम पाते हैं उसी से हमारा गुजारा होता है। उसने बताया कि हमें सरकार की कोई योजना का लाभ नहीं मिलता, प्रधान और अधिकारियों से सिफारिश करते-करते थक चुके हैं।

प्रधान ने यह बताया

प्रधान ने यह बताया

जब गाव के प्रधान से बात की तो उन्होंने बताया कि इस परिवार स्थिति बेहद बदहाल है। एक पडोसी ने बताया कि कभी-कभी ऐसा होता है कि इन लोगों के पास खाने को नहीं रहता तो हम सब मदद करते हैं। वहीं गांव के प्रधान कन्हैया लाल ने बताया कि इस परिवार के लिए हमने सभी अधिकारियों से कहा, लिख कर दिया लेकिन एक भी अधिकारी यहां तक इस परिवार की स्थिति देखने नहीं आया सिर्फ आश्वासन मिला कि हो जायेगा। प्रधान ने बताया कि ये परिवार दाने-दाने को मोहताज हो जाता है, जो राशन मिलता है वह पन्द्रह दिनों के लिए भी पूरा नहीं होता। हम सब भरसक मदद करते हैं पर कितना कर सकते हैं?

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English summary
Govt plans not reaching to manisha family
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