अम्बेडकर नगर: जान जोखिम में डालकर बच्चे रोज जा रहे हैं स्कूल, मां-बाप भेजने से कर रहे मना
अम्बेडकर नगर। ये तस्वीरें कहीं और की नहीं बल्कि परिषदीय विद्यालय की है जिसके चारों तरफ खतरे के संकेत के लिए पट्टियां लगाई गई हैं। विद्यालय से सही सलामत निकलें तो रास्ते में आफत मिलती है, जिन नौनिहालों के कंधे पर देश का भविष्य है। यहां उनका खुद का ही भविष्य सुरक्षित नहीं है। स्कूल तक पहुंचने के लिए डैम के लिए बनाए गए तकरीबन 25 फिट ऊंची पत्थरों से बने बांध को पार करना पड़ता है। सरकार नौनिहालों की शिक्षा के लिए भरसक प्रयास क्यों न कर रही हो पर लेकिन ऐसे स्कूलों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
मामला अम्बेडकरनगर जिले के टांडा शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत परिषदीय विद्यालय हुसैनपुर सुधाना का है। जहां बच्चे अपने स्कूल जाने के लिए रोज खतरे का सामना कर रहे हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जर्जर बिल्डिंग में चल रहा है। यह परिषदीय विद्यालय एनटीपीसी द्वारा बनाये जा रहे बांध से घिरा हुआ है। स्कूल के चारों तरफ गहरी-गहरी खाईं है। जिसमें पानी भरा हुआ है और स्कूल के चारो तरफ सावधान रहने की पट्टिका भी लगा दी गई है। आलम ये है कि स्कूल आने-जाने के लिए रास्ता न होने के कारण मासूम बच्चे बांध से निकले कीचड़ भरे रास्ते के अलावा करीब 25 फीट ऊंची बनी डैम के पत्थरों की चढ़ाई कर जान जोखिम में डालकर स्कूल आते-जाते हैं।
ग्रामीणों
ने
किया
बच्चों
को
स्कूल
भेजने
से
इनकार
स्कूल
में
होने
वाले
सम्भावित
खतरे
और
पत्थरों
की
चढ़ाई
के
मद्देनजर
स्थानीय
लोगों
ने
इस
स्कूल
में
अपने
बच्चों
को
भेजने
से
इनकार
कर
दिया
है।
विद्यालय
की
प्रधानाध्यापिका
ऊषा
देवी
का
कहना
है
कि
विद्यालय
में
आने-जाने
के
लिए
डैम
से
होकर
जाना
पड़ता
है
जिसके
खतरे
की
वजह
से
लोग
अपने
बच्चों
को
इस
स्कूल
में
भेजने
से
कतरा
रहे
हैं।
वहीं
बीएसए
अतुल
कुमार
सिंह
का
कहना
है
कि
इस
विद्यालय
के
स्थान
पर
दूसरा
विद्यालय
बना
है
लेकिन
उसके
ऊपर
से
हाईटेंशन
तार
है
जिसकी
वजह
से
विद्यालय
वहां
शिफ्ट
नहीं
हो
पा
रहा
है।
अभी
एनटीपीसी
के
निर्माण
का
कार्य
चल
रहा
इसलिए
कुछ
समस्या
है।
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