इटली में पली-बढ़ी लड़की ने गांव आकर विदेशी दूल्हे से की शादी, वजह है बेहद दर्दभरी
अलवर। भारत में जन्मी। फिर इटली में पली-बढ़ी। वहीं पर शिक्षा ग्रहण की। दूल्हा पसंद किया, मगर बात उसके साथ सात फेरे लेने की आई तो अपनी मिट्टी से मोहब्बत नहीं भूला सकी। यह देसी छोरी विदेशी दूल्हे को अपने गांव ले आई और यहां पर उसके साथ धूमधाम से शादी की। शादी राजस्थान के अलवर जिले के गांव प्रतापसिंह में देवउठनी एकादशी के मौके पर शुक्रवार को हुई है।
पिता का 1999 में हुआ एक्सीडेंट
गांव में शादी होने की इस कहानी का अतीत बेहद दर्दभरा है। हुआ यह था कि गांव प्रतापपुरा निवासी लीला के पिता टूरिस्ट टैक्सी ड्राइवर थे। लीला के भाई भानु ने बताया कि उसके पिता की 10 जनवरी 1999 को एक्सीडेंट में मृत्यु होने के बाद इटली निवासी मासिमो व कार्ला ने लीला को गोद ले लिया। उन्होंने इटली में उसका पालन-पोषण किया।
इटली के दम्पती से थी दुल्हन के पिता की दोस्ती
दम्पती की उसके पिता सुमेर सिंह के साथ गाढ़ी दोस्ती थी। दोनों जब भी भारत भ्रमण पर आते सुमेर सिंह की गाड़ी में घूमते और उनके घर भी आते थे। पिता की मृत्यु के समय लीला सिर्फ 9 साल की थी। उसने बताया कि बड़े होने पर मासिमो व कार्ला ने लीला की मंगनी इटली के युवक आंदे्र के साथ की तो लीला ने शादी अपने गांव में ही करने की इच्छा जताई।
हिन्दू रीति रिवाज से हुई शादी
लीला को जान से भी ज्यादा चाहने वाले मासिमो व कार्ला उसकी इच्छा का मान रखते हुए चार दिन पहले इष्ट मित्रों तथा आंदे्र सहित प्रताप सिंह पुरा गांव आ गए। यहां देवउठनी ग्यारस के अबूझ सावे पर आंदे्र और लीला परिणय सूत्र में बंध गए। लीला ने हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया।
पूरे गांव में चर्चा का विषय
भानु ने बताया कि लीला की शादी में आए विदेशी मेहमानों का स्वागत पूरे गांव ने उल्लास के साथ किया। उनका भी पूरा परिवार उसकी शादी में शामिल हुआ। बैंड-बाजे के साथ बहनोई आंद्रे की बिनौरी और निकासी निकाली गई तो लीला के पालक माता-पिता स्वयं को झूमकर नाचने से नहीं रोक पाए।
शादी से पहले बनाए शारीरिक संबंध, फिर लड़का मुकर गया तो लड़की ने उठाया यह कदम