ALWAR : लावारिस मिली बच्ची की बदली किस्मत, NRI दम्पति गोद लेकर आबू धाबी ले जाएगा
अलवर, 21 सितम्बर। कहते हैं किस्मत में लिखा कोई नहीं छीन सकता है। इस बात का उदाहरण है यह दो साल की बच्ची, जिसे जन्म देने वाली मां ने मरने के लिए पानी के हौद में फेंक दिया था, मगर इसके सांसों की डोर इतनी लंबी थी कि पैदा करने वाले मां-बाप चाहकर भी नहीं काट पाए और यह अब यही बच्ची विदेश जाएगी। वहीं, इसका आशियाना होगा।
कपड़े में लपेटकर छोड़ लावारिस छोड़ दिया गया
जानकारी के अनुसार 2 साल पहले राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर में पानी के खाली गुंडे में नवजात को कपड़े में लपेटकर छोड़ लावारिस छोड़ दिया गया था। आस-पास के लोगों की इस पर नजर पड़ी तो इसे अस्पताल पहुंचा दिया। जहां से यह सरकारी छात्रावास में पहुंच गई।
बच्ची का नाम अंशुल रखा गया
इस बच्ची का नाम अंशुल रखा गया था। अब राजकीय विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसी के जरिए मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी एनआरआई ने अंशुल को गोद लिया। 2 सितंबर को एनआरआई दंपत्ति को 2 साल की बेटी सौंपी गई है। 20 सितंबर को दंपत्ति को इसका पासपोर्ट बनाकर दिया गया है।
अंशुल को यूएई के आबू धाबी ले जाएंगे
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अलवर के जरिए राजकीय अंबेडकर छात्रावास घोड़ा फेर के चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली व अलवर कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने दंपत्ति को गोद ली बेटी का पासपोर्ट बनाकर दिया। अब दंपत्ति गोद ली बेटी अंशुल को यूएई के आबू धाबी ले जाएंगे।
गोद लेने की प्रक्रिया में काफी समय लगता है
राजकीय विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसी के प्रभारी रामनिवास यादव ने बताया कि गोद लेने की प्रक्रिया में काफी समय लगता है। जैसे इस दंपत्ति ने ऑफर के जरिए आवेदन किया, जो राष्ट्रीय एजेंसी कार्य के जरिए आगे बढ़ा। दंपति की चॉइस के अनुसार राजस्थान स्टेट मिला राजस्थान में अलवर में इनका नंबर पहले आया।
अब तक 3 बालिकाएं गोद दी गई हैं
इसके बाद दंपत्ति ने बेबी को देखा और इनको पसंद आ गई। तब ऑनलाइन प्रक्रिया आगे बढ़ी। ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2 सितंबर को देवी को इनको गोद दे दी गई। कागजी खानापूर्ति पूरी की गई। अलवर जिले में जनवरी से लेकर अब तक 3 बालिकाएं गोद दी गई हैं, जिनमें एक को एनआरआई व शेष दो को स्थानीय नागरिकों ने गोद लिया है।