4 बेटों का भरा पूरा परिवार, फिर भी 3 दिन बाद घर में दुर्गंध आने पर पता लगा दादाजी तो मर गए
अलवर। चार बेटे..., आठ पोते..., पांच पड़पोती...और एक पड़पोता। भरा पूरा परिवार। फिर भी घर के सबसे बुजुर्ग सदस्य की मौत की भनक तक नहीं लगी। बुजुर्ग का शव तीन दिन तक घर में ही पड़ा रहा। मौत भी सामान्य थी। मतलब कि परिवार में से किसी ने तीन दिन तक बुजुर्ग की सुध ही नहीं ली। ली होती तो शायद मौत का भी पता लग जाता। हर किसी को झकझोर देने और बुजुर्गों की बेकद्री का यह मामला राजस्थान के अलवर शहर का है।
मीडिया रिपोर्टर्स में बताया गया है कि अलवर के लाजपत नगर स्कीम नंबर दो में पिछले दिनों 95 वर्षीय मंगतूराम खंडेलवाल की मौत हो गई। उनके निधन का पता परिजनों को तब लगा जब घर से दुर्गंध आने लगी थी। हालांकि बुजुर्ग के साथ उनकी पत्नी भी थी, मगर उनकी मानसिक व शारीरिक स्थिति सही नहीं होने के कारण उन्हें भी पति की मौत का पता ही नहीं चला। शव में दुर्गंध आने लगी तो परिजनों ने पूरे घर में तलाश की। तब छत की तरफ जाने वाली सीढ़ियों में मंगतूराम का शव पड़ा मिला। शव दो से तीन दिन पुराना था। उसी की वजह से पूरे घर में दुर्गंध आ रही थी।
खाना भी बेटी के घर से आता
मीडिया से बातचीत में मृतक के पोते रवि खंडेलवाल ने बताया कि बाबा मंगतूराम के चार बेटे हैं। सभी का भरा पूरा परिवार है। इस घर में दादा और दादी अकेले रहते थे। घर के पास रहने वाली बुआ के घर से खाना आता था। सभी लोग बाहर से ही हाल-चाल पूछ लेते थे। कई बार भीतर भी मिलने जाते थे। दादीजी की उम्र अधिक होने के कारण उन्हें भी पता नहीं चला कि दादाजी की मौत कब हो गई। परिवार में आठ पोते, एक पड़पोता और पड़पोती है। रवि के अनुसार मंगतूराम के सभी बेटे अलग अलग रहते हैं। 9 सितंबर को पता लगा था कि दादाजी का देहांत हो गया। उनकी मौत कब हुई इसके वास्तविक समय का पता नहीं।
Kamal Shekhawat : राजस्थान की पुलिस अफसर ने सूडान में कर दिखाया कमाल, पूरे देश को हो रहा गर्व