शिक्षक भर्ती को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, भर्ती के लिए अब नहीं देना होगा इंटरव्यू
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में अब टीचर बनने के लिए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने टीचर भर्ती में इंटरव्यू की प्रक्रिया को खत्म कर दिया है। अब आगामी भर्तियों में बगैर इंटरव्यू के ही टीचरों का चयन किया जाएगा। हालांकि लिखित परीक्षा का मानक लागू रहेगा और भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर ही होगी। यह नियम उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में लागू होगा और सहायक अध्यापक भर्ती में सीधे लिखित परीक्षा के जरिए अभ्यर्थी चयनित किए जाएंगे। अभी तक सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में अभ्यर्थियों को इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था और उस में धांधली की शिकायतें आया करती थी। सरकार ने ऐसी संभावनाओं को समाप्त करते हुए सीधे लिखित परीक्षा के आधार पर ही चयन प्रक्रिया पूरी करने का सर्कुलर जारी किया है। यानी लिखित परीक्षा में मिलने वाले नंबर के आधार पर ही अधिकतम अंक हासिल करने वालों को नौकरी मिलेगी।
जल्द शुरू होगी भर्ती
उत्तर प्रदेश मे टीचर बनने की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को जल्द ही सुनहरा मौका मिलने वाला है। यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में खाली पड़े पदों का ब्यौरा मांगा है। सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को 15 फरवरी तक अपने जिले में खाली पड़े पदों ब्योरा प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। पदों की संख्या मिलते ही इन पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और सभी खाली पदों को भरा जाएगा।
माध्यमिक चयन बोर्ड कराएगा भर्ती
उत्तर प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में अब सहायक अध्यापक पद पर भर्ती की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड कराएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है और अब बोर्ड की लिखित परीक्षा के जरिए भर्ती कर आएगा।
दिनेश शर्मा ने दिया था आश्वासन
गौरतलब है कि सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में बड़े स्तर पर पद खाली पड़े हुए हैं। सहायता प्राप्त शिक्षक संघ द्वारा कई बार इस मुद्दे को लखनऊ तक उठाया जा चुका है। जिसमे उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का आश्वासन दिया था और पिछले दिनों ही शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की घोषणा की थी। जिसके क्रम में सरकार ने खाली पदों को भरने व भर्ती प्रक्रिया में होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए ही सेवा नियमावली में बदलाव किया है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को जिम्मेदारी देते हुए लिखित परीक्षा से भर्तियां करने का के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
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