हाईप्रोफाइल लोगों ने बनाई ऐसी गैंग, हाईकोर्ट में भर्ती के नाम पर 1400 लोगों से ठगे 50 करोड़
uttar pradesh news today in hindi, इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एसटीएफ के हाथ ठगों का एक हाईप्रोफाइल गिरोह लगा है। इस गिरोह के सदस्य हाईकोर्ट में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठग चुके थे। उन्होंने करीब 1400 लोगों को निशाना बनाया और उनसे 50 करोड़ की ठगी कर ली।
एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह यूपी समेत आस-पास के राज्यों में सक्रिय था और लोगों से हाईकोर्ट में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठता था। इस अंतर्रराज्यीय गिरोह के बारे में खुलासा करते हुए पुलिस लाइंस में पुलिस कप्तान ने कई करतूतों का पर्दाफाश किया।
दिल्ली
के
भगोडें
ने
ठगी
से
बनाई
अकूत
संपत्ति
एएसपी
क्राइम
नीरज
पांडेय
ने
बताया
कि
इस
गैंग
के
सदस्यों
ने
ठगी
की
कमाई
से
अकूत
संपत्ति
अर्जित
कर
ली।
गैंग
के
सरगना
मोहम्मद
शमीम
सिद्दीकी
की
निवासी
अरईश
मोहल्ला
सोरांव
प्रयागराज
की
अकूत
संपत्ति
का
ब्यौरा
हाथ
लगा
है।
जिसमें
पता
चला
है
कि
उसने
प्रयागराज
प्रतापगढ
मार्ग
के
किनारे
करोड़ों
रुपये
की
जमीन
खरीदकर
देवास
मोटर्स,
देवास
एसेसरीज
और
देवास
यामहा
एजेंसी
खोली।
जमीनों
का
बड़ा
कारोबार
तैयार
करने
के
साथ
आलीशान
महल
बनाकर
रहता
है।
कई
लग्जरी
गाडियों
के
साथ
सोना-चांदी
भी
किलो
में
छिपाकर
रखा
गया
है।
जांच
में
शमीम
के
विरूद्ध
प्रयागराज
समेत
दूसरे
जिलों
में
दर्ज
कई
मुकदमों
की
भी
जानकारी
एसटीएफ
के
हाथ
लगी।
पता
चला
है
कि
1999
में
दिल्ली
में
फर्जी
कंपनी
बनाकर
धोखाधड़ी
करने
के
मामले
में
वह
तिहाड़
जेल
गया।
वहां
जमानत
के
बाद
कभी
पेशी
पर
नहीं
गया।
जिसके
चलते
वह
दिल्ली
से
भगोड़ा
घोषित
है।
गैंग
के
पास
क्या
मिला?
गैंग
सरगना
शमीम
सिद्दीकी
खुद
को
हाईकोर्ट
का
डिप्टी
रजिस्ट्रार
बताता
था,
लेकिन
वह
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
की
कोआपरेटिव
सोसाइटी
में
एकाउंटेंट
के
पद
पर
था।
जबकि
शिवकुटी
का
राघवेंद्र
सिंह
एमएनएनआइटी
का
असिस्टेंट
प्रॉक्टर
है।
लेकिन,
इस
समय
वह
सस्पेंड
है।
जबकि,
गैंग
के
सदस्यों
में
नीरज
पाराशर
निवासी
साईं
बिहार
अपार्टमेंट,
चर्चलेन
प्रयागराज
और
रमेश
चंद्र
यादव
निवासी
पूरे
घासी,
नवाबगंज
को
भी
गिरफ्तार
किया
गया
है।
यह
दोनों
हाईकोर्ट
में
सीसीटीवी
और
इंटरकाम
का
काम
देखते
हैं।
गिरोह
के
पास
से
भारी
संख्या
में
दस्तावेज,
लाखों
के
भरे
चेक,
ब्लैंक
चेक,
एक
लाख
तीस
हजार
नकद,
नियुक्ति
पत्र,
हाईकोर्ट
का
चयन
घोषणा
पत्र,
विभिन्न
अखबारों
में
प्रकाशित
विज्ञापन,
सेवाग्रहण
आदेश,
तमाम
अभ्यर्थियों
के
अंक
और
प्रमाण
पत्र,
ओएमआर
शीट,
लेन
देन
के
विवरण
वाली
डायरी,
डिपार्टमेंटल,
कांफिडेंशियल
आर्डर,
डिमांड
ड्राफ्ट
की
फोटोस्टेट,
12
बैंकों
के
चेक,
तीन
लग्जरी
कार,
7
मोबाइल
और
एक
बाइक
बरामद
हुई
है।
इन
पदों
के
लिये
करते
थे
ठगी
ठगों
का
यह
गिरोह
इलाहाबाद
और
पटना
हाईकोर्ट
में
समीक्षा
अधिकारी,
सहायक
समीक्षा
अधिकारी,
उपनिबंधक,
लिपिक
व
सेतु
निगम
में
लिपिक
और
चपरासी
के
पदों
के
लिए
लोगों
को
अपने
जाल
में
फंसाता
था
और
इस
तरह
से
इस
गिरोह
ने
अब
तक
1400
से
अधिक
लोगों
को
ठगी
का
शिकार
बनाया
है।
गिरोह
में
बडी
संख्या
में
सदस्य
हैं,
जिनकी
जानकारी
भी
एसटीएफ
को
हाथ
लगी
है
और
अब
इनकी
गिरफ्तारी
का
प्रयास
किया
जा
रहा
है।
यह
लोग
कई
राज्यों
से
गिरोह
को
संचालित
करते
थे।
लोगों
को
फर्जी
नियुक्ति
पत्र
भी
खूब
बांटे
गये
और
जब
उनकी
ज्वॉइनिंग
नहीं
हुई
तो
धीरे-धीरे
शिकायतें
भी
आने
लगी।
हालांकि,
कई
सफोदपोश
दबाव
बनाकर
मामला
शांत
कराते
रहे।
लेकिन
जब
एसटीएफ
को
इस
गिरोह
की
लगातार
शिकायत
मिली
तो
गिरोह
की
टोह
का
काम
शुरू
हुआ
और
बुधवार
को
प्रयागराज
से
गिरोह
के
सरगना
समेत
चार
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
गया।
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