ट्रेन में दो आरपीएफ स्टाफ ने Paytm से ली रिश्वत, बीएसएफ जवान ने ट्वीट कर दिया सबूत, बर्खास्त
इलाहाबाद/प्रयागराज। अभी तक घूस टेबल के नीचे से, मिठाई के डिब्बे में और जाने कौन-कौन से तरीके से दिया जाता था। लेकिन, अब घूस लेने के लिए भी एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, यही एडवांस टेक्नोलॉजी अब भ्रष्टाचारियों के लिये मुसीबत बन गई है। ताजा मामला रेलवे से जुड़ा हुआ है। आरपीएफ में तैनात दो सिपाहियों ने पेटीएम के जरिए बीएसएफ के जवान से घूस लिया था। घूस देने के बाद बीएसएफ के जवान ने पेटीएम पेमेंट डिटेल के साथ आरपीएफ डीजी को ट्वीट कर शिकायत की और कोच में तैनात रहे टीटी को भी घटना की जानकारी दी। इस मामले में जांच शुरू हुई। इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के कमांडेंट ने जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरपीएफ के दोनों आरोपी सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया है।
क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी निवासी देवराम थापा बीएसएफ में जवान हैं। वर्तमान में उनकी ड्यूटी नई दिल्ली में बीएसएफ के डीआईजी की सुरक्षा में है। 12 जुलाई को गाड़ी नंबर 12424 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से वह दिल्ली से घर लिए आने वाले थे। इसके लिए बकायदा उन्होंने ट्रेन के कोच बी 6 में सीट नंबर 25 और 26 रिजर्व कराई थी। जवान देवराम थापा के अनुसार जैसे ही रेलवे स्टेशन पर पहुंचा ट्रेन रवाना हो चुकी थी। वह तो ट्रेन में चढ़ गया लेकिन, उसकी गर्भवती पत्नी ट्रेन में नहीं चढ़ सकी। इसके लिए जवान ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी और फिर पत्नी को भी कोच में चढ़ाया।
चेन पुलिंग करने पर हुआ बवाल
चेन पुलिंग कर जवान ने जब ट्रेन रोकी उस दौरान ट्रेन के कोच में एस्कॉर्ट कर रहे आरपीएफ के जवानों ने फौजी थापा को देखा। यह दोनों आरपीएफ सिपाही कानपुर के अनवरगंज स्टेशन पर तैनात है। इसमें पहले सिपाही का नाम आशीष चौहान व दूसरे सिपाही का नाम राम नयन यादव है। दोनों ने बीएसएफ जवान को पकड़ लिया और कहा कि चेन पुलिंग के जुर्म में वह उसपर रिपोर्ट करेंगे और कानूनी कार्रवाई करेंगे। बीएसएफ के जवान ने अपनी समस्या बताई लेकिन, सिपाहियों ने कुछ नहीं सुना और कहा कि 10000 इसकी एवज में देनी पड़ेंगे। जवान ने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं है। केवल 7 हजार रूपये हैं, इतने में काम चला लें लेकिन, सिपाही नहीं माने। जवान ने बाकी के 3000 रुपए पेटीएम से देने को कहा तो सिपाही पैसा लेने के लिए राजी हो गए और बीएसएफ के जवान ने पेटीएम के थ्रू पैसा सिपाही के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। जबकि ट्रेन के शौचालय में जाकर उसने 7000 कैश सिपाही के हाथ में दिए।
ट्विटर पर की शिकायत
घूस देने के बाद इस मामले की शिकायत ट्विटर पर जवान ने और पेटीएम पेमेंट डिटेल के साथ ट्वीट किया। जवान ने कोच में तैनात टीटी को भी घटना से अवगत कराया। शिकायत के बाद तत्काल एक्शन हुआ और इसकी जांच का आदेश मिला तो इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के कमांडर ने जांच शुरू कर रिपोर्ट सौंपी। जिसमें, सिपाही आशीष चौहान के खाते में रुपए ट्रांसफर होने का सच सामने आया। भ्रष्टाचार का आरोप साबित होने पर दोनों जवानों को बर्खास्त कर दिया गया है।
ट्रेन
में
यात्रा
के
दौरान
ही
हो
गई
जांच
उत्तर
मध्य
रेलवे
के
सीपीआरओ
अजीत
कुमार
ने
बताया
कि
ट्रेन
के
दिल्ली
से
गुवाहाटी
पहुंचने
तक
भर
में
बीएसएफ
के
जवान
की
शिकायत
पर
जांच
पूरी
कर
ली
गई।
जवान
के
बैंक
के
खाते
का
विवरण
टटोला
गया
तो
उसके
पैसे
पेटीएम
से
ट्रांसफर
हुए
थे
और
यही
क्रम
आरोपी
सिपाही
के
अकाउंट
में
खंगाला
गया
तो
उसके
अकाउंट
में
पैसे
ट्रांसफर
हुए
थे।
भ्रष्टाचार
का
मामला
साबित
होते
ही
तत्काल
कड़ी
कार्रवाई
हुई
और
रेलवे
सुरक्षा
बल
नियम
1987
के
प्रावधानों
के
तहत
दोनों
आरपीएफ
के
जवानों
को
तत्काल
प्रभाव
से
बर्खास्त
कर
दिया
गया।
इस
कार्रवाई
के
बाद
दोनों
जवानों
को
सेवा
संबंधी
किसी
भी
तरह
की
सुविधा
नहीं
मिलेगी।