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नेता बनना चाहती थीं रोशनी, राजनीति से अलग हो बनीं टीचर, अब यूपी में SDM

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Prayagraj News, प्रयागराज। यूपी पीसीएस की परीक्षा में अपनी मेहनत और लगन से मुकाम हासिल करने वाली शख्सियत में एक नाम रोशनी यादव का भी है। कभी डंके की चोट पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति करने वाली रोशनी आज एसडीएम बन गयी हैं। लेकिन उनका यह सफर आसान नहीं रहा, पर उन्होंने कभी मेहनत से हार नहीं मानी और टीचर की जॉब करते हुये अपने सपनों को एक नया आयाम दिया है। पीसीएस-2016 में रोशनी ने बडी उपलब्धि हासिल करते हुये मेरिट में जगह बनायी है। 27वीं रैंक हासिल कर रोशनी ने एसडीएम का पद अपने नाम किया है।

राजनीति से टीचिंग का सफर

राजनीति से टीचिंग का सफर

इलाहाबाद यूनवर्सिटी में कई साल छात्रसंघ का चुनाव बैन रहा और जब फिर से चुनावी शंखनाद हुआ तो छात्र नेताओं की उभरती नेताओं में रोशनी यादव का भी नाम था। छात्रसंघ बहाली व अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन पर छात्रों पर कई बार लाठियां चलीं और रोशनी भी छात्र हित में लाठियां खाकर छात्रों की आवाज बुलंद करती रही। देखते ही देखते रोशनी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की बडी छात्रनेता के तौर पर उभरी।

राजनीति से किया किनारा

राजनीति से किया किनारा

2012 में छात्रसंघ बहाली के बाद 2013 में जब छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बजा तो रोशनी यादव को समाजवादी छात्रसभा से अध्यक्ष पद के लिए दावेदार बनाया गया। बहुत जोर-शोर से चुनाव हुआ। बवाल, हंगामा सबकुछ चला, हालांकि रोशनी यह चुनाव जीत नहीं सकी। इसके बाद धीरे-धीरे रोशनी ने राजनीति से किनारा किया बीए के बाद उन्होंने बीटीसी किया। इसी बीच उनका चयन सहायक अध्यापक पद हो गया। जिसके बाद रोशनी ने राजनीति की ओर दुबारा मुड़कर नहीं देखा। मौजूदा समय में रोशनी सिद्धार्थनगर की बासी तहसील स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं।

देखा था बड़ा सपना

देखा था बड़ा सपना

रोशनी मूल रूप से आजमगढ़ के फूलपुर तहसील की रहने वाली हैं। पिता अरविंद सिंह व्यवसायी और मां पुष्पा देवी गृहणी हैं। वह पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। रोशनी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढने के लिए आई थी। बीए की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की और पढ़ाई के दौरान ही छात्रसंघ चुनाव में सक्रिय भागीदारी की। रोशनी छात्र राजनीति के सहारे बड़े मुकाम को हासिल करना चाहती थी। इस जिद को रोशनी ने चुनाव हारने के बाद भी खुद में पाल रखा था, वह समय के साथ बदल तो गयी, लेकिन उसके आयाम नहीं बदले थे।

टीचर बनने के बाद भी जारी रही तैयारी

टीचर बनने के बाद भी जारी रही तैयारी

यही कारण था कि टीचर बनने के बाद रोशनी संतुष्ट नहीं थी और वह अपने बडे ख्वाब की ओर आगे बढी। उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और 2016 की पीसीएस एग्जाम में बैठी। हालांकि यह परीक्षा पिछले तीन साल से अधर में लटकी रही और 2018 के अंत में इस भर्ती ने जोर पकडा और अब रिजल्ट के साथ रोशनी ने अपने लिये उम्दा रोशनी ढूंढ ली है। फिलहाल पीसीएस में इतिहास एवं समाजकार्य के साथ छात्र राजनीति के 6 साल बाद अब रोशनी प्रशासनिक अफसर बन गयी हैं।

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English summary
Teacher Roshni has cleared UPPCS and now became SDM
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