69,000 सहायक अध्यापक भर्ती के रिजल्ट पर 19 मार्च तक रोक
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती पर ग्रहण के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस भर्ती को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 19 मार्च तक भर्ती के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। हालांकि रोक कट ऑफ अंक के संबंध में जारी की गई है, लेकिन इसका प्रभाव सीधे रिजल्ट पर पड़ेगा और परीक्षा नियामक कार्यालय अब रिजल्ट जारी नहीं कर सकेगा।
अगली सुनवाई 19 मार्च को
फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 19 मार्च को ही होगी। 19 मार्च को ही सरकार की ओर से उनका पक्ष रखा जाएगा और इस मामले पर हाई कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी। याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति सीडी सिंह कर रहे हैं।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में इस बार सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 65 प्रतिशत व अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत कटऑफ अंक तय किए गए थे। अभ्यर्थियों ने इसी कट ऑफ को लेकर आपत्ति जताई और इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कटऑफ में बदलाव की मांग की है। अभ्यर्थियों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस भर्ती से पूर्व उत्तर प्रदेश में आयोजित 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कटऑफ अंक 33 प्रतिशत था। जबकि एससी/एसटी के लिए 30 फीसद तय किया गया था। लेकिन, 69 हजार भर्ती प्रक्रिया में इस कटऑफ अंक में भारी बदलाव किया गया । अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 7 जनवरी को जारी किए गए कट ऑफ संबंधी शासनादेश को रद्द करने व पूर्व की भर्ती में निर्धारित किए गए कट ऑफ को लागू करने की मांग की है।
अधर में लटकी भर्ती
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कट आफ नियमों में भारी बदलाव को सही नहीं माना है और इस पर सरकार और परीक्षा नियामक का पक्ष जानने के साथ 19 मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। ऐसे में ना तो और परीक्षा नियामक रिजल्ट जारी कर सकेगा और ना ही भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जा सकेगा। फिलहाल लोकसभा चुनाव को देखते हुए जो उम्मीद अभ्यार्थियों को थी कि चुनाव से पहले भर्ती प्रक्रिया को पूरी होगी और उन्हें जॉइनिंग भी मिल जाएगी उस पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जाहिर है यूपी की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती अधर में लटक गई है और अभ्यर्थियों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली है। फिलहाल हाईकोर्ट ने विचाराधीन याचिकाओं के साथ इस याचिका को भी संलग्न करने का आदेश दिया है और 19 मार्च को सरकार की ओर से उनका पक्ष रखे जाने के साथ इस पर सुनवाई होगी।