श्रृंगवेरपुर: यहां योगी सरकार स्थापित करेगी श्रीराम और केवट की प्रतिमा, 15 करोड़ के बजट से होगा विकास
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज का श्रृंगवेरपुर ही वह जगह है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं से श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने वनवास के लिए प्रस्थान किया था और उनको केवट ने गंगा पार कराया था। श्रृंगवेरपुर ऋषि श्रृंगि और मां शांता देवी की तपस्थली के लिए भी विख्यात है। इस जगह के पौराणिक महत्व को देखते हुए योगी सरकार ने अयोध्या की तर्ज पर इसको विकसित करने के लिए 15 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। श्रृंगवेरपुर में श्रीराम और केवट की मूर्ति लगाई जाएगी। साथ ही आसपास के इलाकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। यहां दो एकड़ में निषादराज पार्क बनाने की भी योजना है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले सप्ताह ही इस बारे में कहा था कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की तरह श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि और निषादराज की नगरी श्रृंगवेरपुर धाम का भी विकास होगा। योगी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस परियोजना को आगे बढ़ाते हुए विभागों को प्रयागराज के विकास का काम सौंपा है। श्रृंगवेरपुर में जिस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहां से श्रीराम, सीता और लक्ष्मण को लेकर केवट नदी पार कराने नौका से चले थे, वहीं पर दोनों की प्रतिमा एक साथ लगाई जाएगी। यहां से श्रीराम वन गमन मार्ग के भी विकास की योजना है। निषादराज पार्क बनाने, आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण करने, हर साल दिवाली पर रामायण पाठ कार्यक्रम के साथ-साथ निषाद समाज को श्रृंगवेरपुर से जोड़ने की भी योजना है।
प्रयागराज के डीएम और कमिश्नर ने उस जगह का जायजा लिया है जहां श्रीराम और केवट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और निषादराज पार्क बनेगा। यहां 31वां राष्ट्रीय रामायण मेला 25 नवंबर से 29 नवंबर के बीच आयोजित किया जा रहा है। इसका आयोजन प्रदेश के पर्यटन विभाग के सहयोग से किया जा रहा है।
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