राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र के आरोपी वलीउल्ला की कोर्ट में हुई पेशी, कोर्ट बदलने का निवेदन
प्रयागराज। राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र के आरोपी वलीउल्ला को भारी सुरक्षा में गाजियाबाद से लाकर प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया। यहां उसकी पेशी जिला न्यायालय में हुई। हालांकि पेशी के दौरान वलीउल्ला की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गयी कि उसका मुकदमा किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाये। फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी और यह तय होगा कि इस मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में ही चलेगी, या किसी दूसरी कोर्ट में यह केस ट्रांसफर होगा। गौरतलब है कि वलीउल्ला को गिरफ्तार कर गाजियाबाद की जेल में रखा गया है और उसका बयान कोर्ट में दर्ज कराने के लिये गुरूवार को प्रयागराज लाया गया था। अपनी जान की सुरक्षा के डर से वलीउल्ला इस केस को यहां से दूसरी जगह ट्रांसफर कराने की मांग अब कर चुका है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला कोर्ट करेगी। मुकदमे पर सुनवाई एडीजे मृदुल कुमार मिश्र कर रहे हैं।
क्या
है
मामला
जिला
न्यायालय
में
चल
रहे
मुकदमे
के
अनुसार
वलीउल्ला
पर
साल
2001
के
कुंभ
मेले
में
आतंकी
हमले
की
साजिश
के
मामले
में
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
था।
यह
मुकदमा
प्रयागराज
के
फूलपुर
थाने
में
दर्ज
हुआ
था।
जिसमें
वलीउल्ला
पर
आरोप
था
वह
अपनी
चार
सगे
भाइयों
के
साथ
देश
के
विरूद्ध
बहुत
बड़ा
षडयंत्र
रच
रहा
था।
उसने
पाकिस्तान
की
खूफिया
एजेंसी
आईएसआई
के
साथ
मिलकर
बाबरी
मस्जिद
विंध्वस
का
बदला
लेने
का
पूरा
प्लान
बनाया
था।
जिसमें
उसकी
गिरफ्तारी
के
बाद
उसके
उपर
राष्ट्रद्रोह
का
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
है।
उस
पर
आरोप
है
कि
उसने
भारत
के
विरुद्ध
युद्ध
छेड़ने
और
भारत
की
एकता
और
संप्रभुता
को
छिन्न-भिन्न
करने
के
इरादे
से
राष्ट्र
विरोधी
साहित्य
छापा
और
राष्ट्रवरोधी
षड्यंत्र
में
एक
ग्रुप
बना
कर
काम
कर
रहा
था।
उसके
संबंध
दुश्मन
देश
पाकिस्तान
की
खूफिया
एजेंसी
के
साथ
भी
थे
और
जांच
में
यह
भी
सामने
आ
गया
कि
उसका
संबंध
आतंकी
सलीम,
सज्जाद
आदि
से
भी
था
और
इनके
साथ
मिलकर
ही
वह
बहुत
बड़े
षड़यंत्र
को
अंजाम
देने
में
जुटा
था।
याद
दिला
दें
कि
लखनऊ
मुठभेड़
में
आतंकियों
से
जब
मुठभेड़
हुई
थी
तब
वलीउल्ला
से
संबंध
रखने
वाले
आतंकी
सलीम,
सज्जाद
और
पप्पू
को
मार
गिराया
गया
था।
इसी
मामले
में
दर्ज
मुकदमें
में
अब
केस
अंतिम
दिशा
की
ओर
बढ़
रहा
है।
बयान
दर्ज
कराने
लाया
गया
मुकदमे
की
जानकारी
देते
हुये
डीजीसी
गुलाब
चंद
अग्रहरि
ने
बताया
कि
18
अप्रैल
2001
की
फूलपुर
थाने
में
वलीउल्ला
समेत
उसके
तीन
भाई
बैदउल्ला,
वसीउल्ला
और
उजैर
उल्ला
के
विरूद्ध
राष्ट्रदोह
आदि
की
धाराओं
में
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था
और
सभी
को
गिरफ्तार
कर
जेल
भेजा
गया
था।
इन
सभी
के
संबंध
दुश्मन
देश
व
आतंकियों
से
हैं।
मुकदमे
की
सुनवाई
के
दौरान
अभियोजन
की
ओर
से
साक्ष्य
पूरा
हो
गया
है।
अगली
कड़ी
में
अब
अभियुक्त
का
बयान
दर्ज
होना
था।
जिसके
लिये
आरोपी
वलीउल्ला
का
बयान
दर्ज
कराने
के
लिये
कोर्ट
ले
आया
गया
था।
हालांकि
इस
मामले
में
दूसरे
आरोपी
जमानत
पर
जेल
से
बाहर
हैं।