बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर ने पीएम मोदी के निर्वाचन को हाईकोर्ट में दी चुनौती
प्रयागराज। बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव ने वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद सदस्यता के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। तेज बहादुर ने चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री के कहने पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामंकन खारिज कर दिया, जिसकी वजह से वो चुनाव लड़ने के अपने अधिकार से वंचित रह गए। ऐसे में प्रधानमंत्री का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिये। फिलहाल तेज बहादुर की याचिका की वैधानिकता की जांच के साथ कोर्ट उस पर अपना फैसला लेगी।
क्या है मामला
आम चुनाव के दौरान तेजबहादुर यादव ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद से वाराणसी समेत पूरे देश में हलचल बढ़ गयी थी। तेज बहादुर के नामांकन के बाद जब समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। तब तेज बहादुर ने दोबारा से अपना नामांकन कर दिया था। जिसमें उन्होंने खुद के सेना से बर्खास्ती का जिक्र नहीं किया था और इसी आधार पर निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें सेना से एनओसी लाने का निर्देश दिया। हालांकि तेज बहादुर सेना की ओर से एनओसी नहीं ला पाए। जिसके कारण उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था।
तब भी गये थे कोर्ट
वाराणसी से नामांकन रद्द होने के बाद तेजबहादुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही आरोप लगाया था और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मामले में उचित निर्णय लेने का आदेश देते हुये याचिका को निस्तारित कर दिया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस मामले जांच की और तेज बहादुर के सभी आरोपों को निराधार पाया और इसी आधार पर उनके नामांकन खारिज होने के फैसले को सही माना गया।
अब दाखिल की चुनाव याचिका
तेज बहादुर ने अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल कर एक बार फिर से पीएम मोदी को घेरने का प्रयास किया है और निर्वाचन रद्द करने की मांग की है। इस बार भी उनके पास आधार वहीं है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पीएम के कहने पर ही उनका नामांकन रद्द किया गया था। नियम विरूद्ध कार्य करने के कारण पीएम का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिये।