22 करोड़ रुपये के घोटाले में SHUATS के कुलपति आरबी लाल गए जेल
Prayagraj news, प्रयागराज। प्रयागराज के नैनी स्थित कृषि विश्वविद्यालय (सैम हिगिजबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टैक्नोलॉजी और साइंस) के कुलपति राजेन्द्र बी लाल की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। 22 करोड़ रुपये के एक्सिस बैंक घोटाले में आरोपी आरबी लाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई जिला अदालत में शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आरबी लाल ने खुद को सरेंडर किया था और जमानत की अर्जी दी थी। लेकिन अदालत ने आरबी लाल की जमानत अर्जी को नामंजूर कर दिया और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी ओर तब तक आरबी लाल को नैनी जेल में ही रहना पड़ेगा।
सुप्रीम
कोर्ट
से
नहीं
मिली
थी
राहत
कुलपति
आरबी
लाल
पर
विश्वविद्वालय
के
एक्सिस
बैंक
खाते
से
22
करोड़
रुपये
गबन
के
मामले
में
मुकदमा
दर्ज
है।
इस
मामले
में
गिरफ्तारी
से
बचने
के
लिये
वह
हाईकोर्ट
की
शरण
में
गये
थे
लेकिन
हाईकोर्ट
ने
उनकी
याचिका
रद्द
कर
दी
थी।
जिसके
खिलाफ
आरबी
लाल
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
शरण
ली
तो
सुप्रीम
कोर्ट
ने
भी
सीधे
तौर
पर
किसी
तरह
की
राहत
देने
से
इनकार
कर
दिया
था
और
5
अप्रैल
को
याचिका
खारिज
करते
हुये
जिला
अदालत
में
सरेंडर
करने
को
कहा
था।
जिसके
क्रम
में
सोमवार
को
आरबी
लाल
ने
सरेंडर
किया,
लेकिन
उन्हे
जमानत
ना
देकर
जेल
भेज
दिया
गया
है।
साक्ष्यों
को
प्रभावित
करने
की
दलील
सीजेएम
कोर्ट
में
आरबी
लाल
की
जमानत
याचिका
पर
सुनवाई
शुरू
हुई
तो
अपर
जिला
एवं
सत्र
न्यायाधीश
राममनोहर
नारायण
मिश्र
को
बताया
गया
कि
आरबी
लाल
प्रभावशाली
व्यक्ति
हैं
और
उनके
खिलाफ
11
आपराधिक
मामले
दर्ज
हैं।
ऐसे
में
अगर
उन्हें
जमानत
दी
गयी
तो
वह
साक्ष्यों
को
प्रभावित
कर
सकते
हैं।
मामले
की
गंभीरता
देखते
हुये
कोर्ट
ने
आरबी
लाल
की
जमानत
याचिका
खारिज
कर
दी
और
17
अप्रैल
को
फिर
से
इस
मामले
में
सुनवाई
का
आदेश
दिया
है।
हालांकि
तब
तक
आरबी
लाल
को
जेल
में
ही
रहना
पड़ेगा।
क्या
है
मामला
कुलपति
राजेंद्र
बी
लाल
पर
मुकदमा
दर्ज
होने
की
जानकारी
देते
हुए
एसपी
क्राइम
बृजेश
मिश्रा
ने
बताया
कि
शुआट्स
यूनिवर्सिटी
का
एक्सिस
बैंक
में
खाता
है।
इस
खाते
में
2011-12
से
सन
2013-14
के
बीच
तीन
वित्तीय
वर्षों
में
करोड़ों
का
गबन
हुआ
है।
शुआट्स
के
खाते
से
बिना
चेक
लगाए
लगभग
21
करोड़
रुपए
निकाल
लिए
गए।
यह
घोटाला
लगातार
चलता
रहा
और
राजेंद्र
बी
लाल
की
मूक
सहमति
मिली
रही।
एसपी
बृजेश
मिश्रा
ने
बताया
कि
संस्था
के
प्रमुख
होने
के
कारण
वह
वित्तीय
लेन-देन
में
हुई
गड़बड़ियों
की
जिम्मेदार
हैं
और
उनके
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
करा
दिया
गया
है।
रिमांड
पर
लेकर
पूछताछ
के
लिऐ
हम
अदालत
में
अर्जी
दाखिल
कर
रहे
हैं।
ये भी पढ़ें-बीमार कर्मचारियों के लिए चुनाव आयोग ने किया खास इंतजाम, तैयार है एयर एंबुलेंस