राम जन्मभूमि पर शिलान्यास के लिये शंकराचार्य स्वरूपानंद ने मंगवाये पत्थर, धर्म संसद के बाद जायेंगे अयोध्या
Prayagraj news, प्रयागराज। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थर मंगवाकर हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि वास्तु शास्त्र के ग्रंथ सम्रांगण सूत्रधार के अनुसार मंदिर निर्माण के लिये चार दिशाओं में शिलान्यास आवश्यक है, लेकिन आज तक राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास तक नहीं हो सका है। इसलिए प्रयागराज कुंभ में तीन दिन की धर्म संसद के बाद वह अयोध्या जायेंगे और राम जन्मभूमि पर शिलान्यास करेंगे। शिलान्यास के पत्थर आ गए हैं, जिन्हे मनकामेश्वर मंदिर में रखा गया है। इनका नाम "नंदा, भद्रा, पूर्णा और जया" है।
सरकार की मंशा सही नहीं
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा व विश्व हिंदू परिषद दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले भाजपा व संघ भगवान राम को मनुष्य की जगह भगवान मानें तभी मंदिर निर्माण संभव हो पाएगा। इनकी मंशा मंदिर निर्माण की नहीं है।
अयोध्या जाने और शिलान्यास की तैयारी पूरी
अदालत में चल रहे मामले को लेकर भी शंकराचार्य सरकार के ढुलमुल रवैया को सही नहीं माना। उन्होंने कहा कि संतों को ही मंदिर निर्माण के लिए आगे आना होगा और उसी क्रम में यह शिलान्यास होगा। शंकराचार्य ने कहा कि धर्म संसद में राम मंदिर के मुद्दे पर गहन चर्चा होगी। इसमें निष्कर्ष भी निकलेगा और आगे की रणनीति तय हो जाएगी। अयोध्या जाने और शिलान्यास की तैयारी पूरी हो गई है।
राम का पुतला नहीं प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए
शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर कहा कि बतौर मुख्यमंत्री वह धार्मिक निर्माण कैसे करेंगे और बतौर संत वह इतना पैसा कहां से लाएंगे। उन्होंने भगवान राम की मूर्ति लगाने वाले एलान पर कहा की भगवान राम का पुतला नहीं प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए और प्रतिमा में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
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